CAA Protest recovery notice: सीएए और एनआरसी विरोधी आंदोलन में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं और आंदोलनकारियों से वसूली का आदेश रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कांग्रेस ने स्वागत करते हुए इसे योगी सरकार के गाल पर करारा तमाचा बताया है. यूपी कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि इस मसले पर योगी सरकार और अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने वाले आंदोलनकारियों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया.
यूपी कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि योगी सरकार पूरी तरह तानाशाही पर उतारू है, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने बता दिया कि देश संविधान और कानून से चलेगा. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया का इस्तेमाल किए सैकड़ों लोगों के खिलाफ वसूली नोटिस जारी कर दी थी. उस समय भी कांग्रेस पार्टी ने इसका जोरदार विरोध किया था. प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने सड़क पर उतर कर आवाज़ उठाई थी, लेकिन योगी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी थी.
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश कांग्रेस पार्टी के स्टैंड पर मुहर की तरह है. साथ ही यह भी साबित हुआ है कि योगी सरकार का लोकतंत्र पर कोई विश्वास नहीं है.
यूपी कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अन्याय की तस्दीक है तो फिर दोषियों पर कार्रवाई भी होनी चाहिए. इसके लिए योगी सरकार और उनके तमाम अफसर सीधे तौर पर दोषी हैं. इन सभी के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए. सिद्दीकी ने ये भी कहा कि पूरे सीएए विरोधी आंदोलन में सिर्फ कांग्रेस पार्टी विपक्षी दल के रूप में सरकार को चुनौती देती रही जबकि तमाम दूसरे विपक्षी दलों के मुंह में दही जमी रही.
प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद कांग्रेस की लखनऊ मध्य सीट से प्रत्याशी और सीएए विरोधी आंदोलन का चेहरा रहीं सदफ जाफर ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. उनके खिलाफ 64 लाख रुपये की वसूली नोटिस जारी हुई थी, जबकि वे एक असंवैधानिक कानून का लोकतांत्रिक ढंग से विरोध करने के अपने मौलिक अधिकार का इस्तेमाल कर रही थीं
सदफ जाफर ने बताया कि इस आंदोलन में उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने उनके पेट पर लात मारी थी और उन्हें हिरासत में बुरी तरह प्रताड़ित किया गया था. उनके साथ गिरफ्तार किए गए तमाम अन्य आंदोलनकारियों के साथ भी बर्बर रवैया अपनाया गया था. उनके चेहरे को पोस्टर बनाकर चौराहों पर लगाए गये थे. आंदोलनकारियों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़कर इंसाफ हासिल किया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन सभी की जीत है. योगी सरकार को इस चुनाव में हटाकर जनता उसके तानाशाह रवैये का जवाब देगी.
Posted By: Achyut Kumar