पटना. बिहार में अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए सभी स्तर के पुलिस कर्मियों को सटीक निशाना लगाने में भी महारत बनाने के लिए विशेष पहल शुरू की गयी है. अब राज्य के सभी 12 पुलिस रेंज या प्रक्षेत्र में एक-एक फायरिंग रेंज तैयार कराया जा रहा है.
पुलिस अधिकारियों से लेकर सिपाहियों तक की संख्या बढ़कर वर्तमान में करीब 90 हजार तक पहुंच गयी है. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल को निशाना लगाने में दक्ष बनाने के लिए व्यापक स्तर पर बंदोबस्त किया जा रहा है.
पुलिस मुख्यालय ने प्रत्येक रेंज के आइजी या डीआइजी को 15 से 20 एकड़ जमीन की व्यवस्था जल्द करने को कहा है. प्रत्येक स्थान पर इतनी जमीन का अधिग्रहण करने के बाद इसे तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
यह फायरिंग रेंज ऐसे स्थान पर बनाये जायेंगे, जो सघन आबादी से एकदम दूर हो और इस स्थान पर लोगों का आना-जाना कम होता हो. इसके लिए थोड़ी कम उपयोगी या कम उपज वाली भूमि भी ली जा सकती है.
सभी 12 रेंज में 200 से 400 मीटर तक के फायरिंग रेंज बनेंगे. इन सभी में हाईब्रीड तरह का आधुनिक रेंज बनेगा. यानी अधिक बारिश या अत्याधिक गर्मी में इंडोर में भी फायरिंग करने की व्यवस्था रहेगी. सामान्य दिनों में खुले ग्राउंड में टारगेट बुल पर ओपन रेंज फायरिंग की व्यवस्था रहेगी. वर्तमान में राज्य में दो फायरिंग रेंज हैं. जबकि आधा दर्जन बीएमपी में 12 सिमुलेटर आधारित फायरिंग रेंज हैं.
इस ऑटोमैटिक फायरिंग रेंज में बिना बुलेट के मशीन की मदद से फायरिंग कर सकेंगे. यह वास्तविक फायरिंग रेंज से एकदम अलग होता है और इसमें असली बुलेट से निशाना लगाने की तुलना में काफी भिन्नता होती है. इससे प्रैक्टिस भी सही से नहीं हो पाती है. इन कारणों से वास्तविक फायरिंग रेंज तैयार किया जा रहा है.
सेंट्रल रेंज (पटना), मगध (गया), शाहाबाद (डेहरी), तिरहुत (मुजफ्फरपुर), सारण (छपरा), चंपारण (बेतिया), मिथिला (दरभंगा), पूर्णिया, कोसी (सहरसा), भागलपुर, मुंगेर और बेगूसराय रेंज. इसमें सात छोटे रेंज में डीआइजी और पांच में आइजी बैठते हैं.
एडीजी-मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि सभी पुलिस रेंज में फायरिंग रेंज तैयार करने के लिए जमीन खोजने का निर्देश दिया गया है. जमीन मिलने के बाद इसे तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.