पटना. प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार में अवैध संपत्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. काले धन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इडी ने गया के फर्म सर्वोदय ट्रेडर्स के मालिक धीरज जैन और उनकी पत्नी रिंकी जैन की संपत्ति जब्त की है. नोटबंदी की घोषणा से पहले और बाद में बैंक खातों में बड़ी रकम जमा करनेवालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई शुरू की है. इसके तहत धीरज जैन और उनकी पत्नी रिंकी जैन की 8 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गयी है.
प्रवर्तन निदेशालय को गया स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के बैंक खातों में थर्ड पार्टी खातों का इस्तेमाल कर बड़ी रकम जमा करने की शिकायत मिली थी. मनी लॉन्ड्रिंग की जांच इसी मामले से जुड़ी थी. जब्त की गयी संपत्ति धीरज जैन, उनकी पत्नी रिंकी जैन और अन्य फर्मों के नाम पर है.
इडी का यह मामला उस एफआइआर पर आधारित है, जो बिहार पुलिस ने नोटबंदी के दौरान दर्ज कराई थी. जांच के दौरान कथित रूप से पाया गया कि गया के व्यवसायी मोतीलाल ने बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता शशि कुमार, राजेश कुमार और उनके फर्म और रिश्तेदारों के नाम पर बैंक खातों का दुरुपयोग किया था.
इडी ने कहा है कि इन बैंक खातों में अवैध रूप 44.80 करोड़ रुपए जमा किए गए थे. इस रकम को खाताधारकों की जानकारी के बिना विभिन्न खातों में ट्रांसफिर किया गया था. मोतीलाल ने व्यापारी धीरज जैन, पवन कुमार जैन और दिल्ली के एक दलाल बिमल जैन के कहने पर जाली दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से पैसों को ट्रांसफर किया था.
भारत सरकार ने काले धन को खत्म करने के लिए 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद कर 500 और 2000 के नए नोट जारी किए थे. इसी दौरान काले धन वाले कई लोगों ने अपने पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने के लिए अवैध चैनलों का इस्तेमाल किया था.