गुमला जिले के कई गांव की बेकार भूमि घना जंगल बनेगा. इसके लिए वन विभाग ने पहल शुरू कर दी है. इस वर्ष जुलाई माह में गुमला जिलांतर्गत विभिन्न प्रखंडों के अधिसूचित वनभूमि पर 55 हजार पौधारोपण कराया जायेगा.
साथ ही जिस वनभूमि पर पौधारोपण कराया जायेगा. उसके आसपास के तालाबों का भी जीर्णोद्धार किया जायेगा. पौधारोपण कराने एवं तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग गुमला से होगा. वन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इस निमित्त कामडारा के गुड़ाम, बिशुनपुर प्रखंड के बियार, डुमरी प्रखंड के दौना, चैनपुर प्रखंड के डोकापाट, मादा एवं सिसई प्रखंड के चेंगरी सहित 12 जंगलों में पौधारोपण कराने के लिए गड्ढा खुदाई का काम चल रहा है. इस कार्य में स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार दिया गया है.
गड्ढा खुदाई का कार्य पूर्ण होने के बाद जुलाई माह में सखुआ, आम, कटहल, जामुन, महुआ सहित अन्य प्रकार के वृक्षों का पौधारोपण कराया जायेगा. डीएफओ श्रीकांत ने बताया कि भू-संरक्षण योजना, वनों का संवर्द्धन एवं प्राकृतिक पुनर्जन्म योजना अंतर्गत पौधारोपण कराया जाना है.
पौधारोपण से न केवल जंगल घना होगा, बल्कि जंगल का हरित आवरण बढ़ेगा और अधिसूचित वनभूमि का अतिक्रमण भी नहीं होगा.
जंगल के जिस हिस्से में वृक्षों की संख्या कम है. वहां ज्यादा फोकस कर पौधारोपण कराया जा रहा है. ताकि जंगल घना हो. जहां जितने अधिक वृक्ष होते हैं. वहां का हरित आवरण उतना अधिक बढ़ता है. वहीं कई जगहों पर तो खाली जमीन देख कर स्थानीय ग्रामीण उस पर अतिक्रमण कर लेते हैं, परंतु पौधारोपण के बाद अतिक्रमण की समस्या नहीं होगी.