वॉशिंगटन/कीव : अमेरिका की ओर से यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका हमेशा जाहिर की जा रही है. यहां तक कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन ने म्यूनिख में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भी यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर आगाह करते हुए यूक्रेन-रूस विवाद के समाधान का प्रस्ताव दिया है. इन सबके बीच, अब खबर यह भी आ रही है कि यूक्रेन की सीमाओं को रूसी सैनिकों ने घेरना शुरू कर दिया है.
मीडिया की खबरों में कहा जा रहा है कि सैटेलाइट की तस्वीरों से ऐसा लग रहा है कि रूस यूक्रेन की सीमाओं पर अपने सैनिकों को तैनात कर रहा है. यहां तक कि इन सीमाओं पर रूस की ओर से सैनिकों के अलावा तोपखानों और एयरफील्ड को भी तैनात किया गया है. खबरों में यह सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि दक्षिण बेलारूस और क्रीमिया में भी रूसी सैनिकों के जमावड़े की गतिविधियां सामने आ रही हैं.
मीडिया की खबरों में इस बात का जिक्र किया जा रहा है कि कॉमर्शियल सैटेलाइटों के जरिए सामने आने वाली तस्वीरों से इस बात का पता चल रहा है कि रूस की सेनाएं यूक्रेन को घेर रही हैं. हालांकि, इस तस्वीरों की अपनी सीमाएं हैं. मैक्सर जैसी कंपनियों के कॉमर्शियल सैटेलाइट से हाल में हाई रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरों में सामने आया है कि यूक्रेन से लगती सीमा पर रूस के सैनिक, एयरफील्ड और तोपखाना तैनात किया जा रहा है.
तस्वीरों में यह सामने आया है कि दक्षिण बेलारूस और क्रीमिया में भी सैन्य जमावड़े की गतिविधियां सामने आई हैं, जिसे रूस से 2014 में यूक्रेन से हथिया लिया था. इन तस्वीरों से अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के अधिकारियों के दावे सही प्रतीत होते हैं कि रूसी सेनाएं उस स्थिति में हैं जहां से वह यूक्रेन पर हमला कर सकती हैं.
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हालांकि, कॉमर्शियल सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में इसकी पुष्टि नहीं हो सकती कि रूस के कितने सैनिक एकत्र हैं या यूक्रेन पर हमला होगा या नहीं. अमेरिकी नौसेना के सेवानिवृत्त एडमिरल जेम्स स्टाव्रिडिस ने कहा कि मैक्सर से प्राप्त तस्वीरों से अच्छी जानकारी मिल सकती है, लेकिन उतनी सटीक सूचना नहीं मिल सकती जितना अमेरिकी नेताओं को मिलती है.