जमशेदपुर : एसएसपी साहब … शहर के चौक-चौराहों पर पुलिस लगातार हेलमेट की जांच कर रही है. दिन में कड़ाई से हेलमेट की जांच तो रात में वाहनों का नंबर, नाम व मोबाइल नंबर नोट करने में सख्ती दिखायी जाती है. इसके बाद भी अपराधी बेखौफ छिनतई, लूट और चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं. जांच के नाम पर ऐसी खानापूर्ति हो रही कि अगर अपराधी हेलमेट पहनकर शहर भर में घूमकर चले जाये तो भी पुलिस उन्हें नहीं रोकेगी.
कारण, पुलिस का पूरा ध्यान सिर्फ वैसे बाइक सवारों पर रहता है जो बिना हेलमेट होते हैं. बिना सीट बेल्ट लगाये चार पहिया वाहनों तक पुलिस की जांच सिमट गयी है. सवाल यह है कि पुलिस का मुख्य फोकस अगर यही रहा तो शहर में अपराध कम कैसे होगा?
शहर में स्वर्ण कारोबारी के कर्मचारियों से 32 लाख की लूट अभी चर्चा में हैं. इस घटना में बाइक सवार दोनों अपराधियों ने हेलमेट पहन रखा था. शहर के कई प्वाइंट पर घटना के समय भी हेलमेट की जांच चल रही थी. सड़क पर खड़े ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने किसी भी बाइक सवार की रोककर जांच नहीं की. यह अपराधियों के लिए फायदेमंद साबित हुआ. वह आसानी से निकल भागे.
शहर में रात के समय चल रही पुलिस की जांच का आलम भी दिलचस्प होता है. चेकिंग प्वाइंट पर अफसर अपने वाहन में बैठे रहते हैं. नीचे खड़े जवान वाहनों को रोककर चालक को अफसर के पास भेजते हैं. वहां उनसे गाड़ी का नंबर, नाम व मोबाइल नंबर पूछा जाता है.
रजिस्टर पर जांच की खानापूर्ति दर्ज कर सभी को जाने दिया जाता है. बुधवार को ‘प्रभात खबर’ की टीम ने अलग-अलग स्थानों पर चल रही जांच का हाल जाना. इसमें यह देखा गया कि सिर्फ हेलमेट नहीं पहनने, सामने नंबर प्लेट नहीं रहने वालों को ही रोका गया. हेलमेट पहनकर जाने वाले एक भी दोपहिया को पुलिस ने रोककर नहीं जांच की.
कोरोना काल में शहर के सभी इंट्री प्वाइंट पर वाहनों का नंबर व चालक का नाम दर्ज की जा रहा था. अब ऐसा नहीं है. अपराधी घटना को अंजाम देकर आसानी से शहर से बाहर जा सकते है़ं दोमुहानी पुल, डिमना चौक, सुंदरनगर चौक, आदित्यपुर ब्रिज पर चेकिंग नहीं थी.
Posted By : Sameer Oraon