Hizab Row : मध्यप्रदेश में हिजाब को लेकर फिर राजनीति गरमाती नजर आ रही है. हिजाब को लेकर देशभर में चल रही बयानबाजी के बीच भोपाल की भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा का भी बयान सामने आया है. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भोपाल सांसद ने कहा कि कहीं भी हिजाब पहनने की जरूरत नहीं है. जो लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं हैं उन्हें हिजाब पहनना जरूरी है. जहां कहीं भी ‘हिंदू समाज’ है, उन्हें हिजाब पहनने की आवश्यकता नहीं है, खासकर उन जगहों पर जहां वे पढ़ने के लिए जाते हैं.
कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर जारी विवाद के बीच भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा है कि यदि मदरसों के अलावा अन्य शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहना जाता है, तो उसे बर्दाश्त नहीं किए जाएगा. उन्होंने कहा कि हिंदू, महिलाओं की पूजा करते हैं और उन्हें बुरी नजर से नहीं देखते. प्रज्ञा ठाकुर ने बरखेड़ा पठानी क्षेत्र में एक मंदिर में आयोजित समारोह में यह बात कही. उन्होंने कहा कि आपके पास मदरसे हैं. यदि आप वहां (मदरसों में) हिजाब पहनते हैं या खिजाब (बालों का रंग) लगाते हैं तो हमें कोई लेना-देना नहीं है. आप वहां की आवश्यक पोशाक पहनते हैं और उनके अनुशासन का पालन करते हैं लेकिन अगर आप देश में स्कूलों और कॉलेज के अनुशासन को तोड़ते हैं और हिजाब पहनना और खिजाब लगाना शुरू करते हैं तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि ‘गुरुकुल’ (पारंपरिक हिंदू शिक्षण संस्थान) के शिष्य भगवा पोशाक पहनते हैं लेकिन जब ऐसे छात्र दूसरे स्कूलों में जाते हैं तो वे स्कूल की वर्दी पहनते हैं और शिक्षण संस्थानों के अनुशासन का पालन करते हैं. ठाकुर ने कहा कि सफेद बालों को छिपाने के लिए खिजाब का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन हिजाब का इस्तेमाल चेहरे को ढकने के लिए किया जाता है. भाजपा सांसद ने कहा कि हिजाब पर्दा है. पर्दा उन लोगों के खिलाफ होना चाहिए, जो आपको बुरी नजर से देखते हैं लेकिन यह तय है कि हिंदू उन्हें बुरी नजर से नहीं देखते क्योंकि वे महिलाओं की पूजा करते हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के कांग्रेस विधायक ने कहा था कि मुस्लिमों में हिजाब ‘‘पर्दा” की तरह है और यह सदियों पुरानी परंपरा है. उन्होंने दावा किया था कि जब लड़कियां बड़ी होती हैं तो उनकी खूबसूरती को छिपाने के लिए उन्हें ‘पर्दे’ में रखा जाता है. भारत में दुष्कर्म की दर सबसे अधिक है, क्योंकि यहां की महिलाओं में ‘‘पर्दा’ करने की प्रथा नहीं है. हालांकि कांग्रेस ने इस बयान से किनारा कर लिया है.
भाषा इनपुट के साथ