UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का तीसरा चरण 20 फरवरी को है. तीसरे चरण में 16 जिले की 59 सीटों पर मतदान होना है. तीसरे चरण से जुड़ी एडीआर की रिपोर्ट भी सामने आई है. उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने विधानसभा चुनाव 2022 के तीसरे चरण में 135 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस होने की बात कही है. वहीं, पहले और दूसरे चरण में भी दागी उम्मीदवारों की भरमार रही है. पहले और दूसरे के बाद तीसरे फेज में भी राजनीतिक दलों ने अपराधी छवि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने में कोई भी कोताही नहीं बरती है.
उत्तर प्रदेश चुनाव के प्रचार में बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल सपा-रालोद गठबंधन एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी का दावा है कि 2022 में सपा की सरकार आई तो अपराध का ग्राफ बढ़ेगा. क्राइम कंट्रोल फेल हो जाएगा. दूसरी तरफ सपा का आरोप है कि सीएम योगी के शासन में ज्यादा अपराध हो रहे हैं. इनामी बदमाश क्रिकेट खेल रहे हैं और जनता त्रस्त है. वहीं, एडीआर की रिपोर्ट से पता चलता है कि चाहे बीजेपी हो या सपा या कोई और दल, सभी ने अपराधियों को टिकट दिया है.
-
पहला चरण- 156
-
दूसरा चरण- 147
-
तीसरा चरण- 135
तीसरे चरण को लेकर एडीआर ने 627 में से 623 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों की जांच की. 623 में से 135 (22%) ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. वहीं, 103 (17%) पर गंभीर आपराधिक मामले हैं. सपा के 58 में से 30 (52%), बीजेपी के 55 में से 25 (46%), बसपा के 59 में 23 (39%), कांग्रेस के 56 में से 20 (36%) और आप के 49 में से 11 (22%) कैंडिडेट्स पर केस दर्ज हैं. तीसरे चरण में फर्रुखाबाद से कांग्रेस की उम्मीदवार लुईस खुर्शीद पर सबसे ज्यादा 17 क्रिमिनल केस हैं.
Also Read: UP Election 2022: तीसरे चरण में 22 फीसदी दागी उम्मीदवार, टॉप-3 में सपा के दो प्रत्याशियों के नाम
एडीआर ने पहले फेज के 615 में से 156 प्रत्याशियों पर क्रिमिनल केस होने की जानकारी दी थी. पहले फेज में सपा के 28 में से 21 (75%), रालोद के 29 में से 17 (59%), बीजेपी के 57 में से 29 (51%), कांग्रेस के 58 में से 21 (36%), बसपा के 56 में से 19 (34%) और आप के 52 में से 8 (15%) उम्मीदवारों पर केस हैं.
दूसरे फेज में 9 जिलों की 55 सीटों पर वोटिंग हुई थी. दूसरे फेज के 586 में से 584 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया. इनमें से 584 में से 147 (25 फीसदी) उम्मीदवारों ने खुद के ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. जबकि, गंभीर आपराधिक मामलों वाले 113 प्रत्याशी (19 फीसदी) हैं.