लालू प्रसाद से जुड़े पशुपालन घोटाले के 25 साल पुराने सबसे बड़े मामले आरसी-47 ए/96 में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाया. इस मामले में राजद अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद दोषी करार दिये गये हैं.
मंगलवार सुबह अदालती कार्रवाई शुरू हुई. इसमें लालू प्रसाद सहित 99 आरोपित अदालत में पेश हुए. इस मामले के दो आरोपित गंभीर रूप से बीमार हैं. लेकिन, अदालत ने सभी आरोपितों को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था. अदालत ने लालू यादव समेत 75 अभियुक्तों को दोषी ठहराया है. वहीं 24 अभियुक्त को बरी किया गया.
अदालत 18 फरवरी को सजा का एलान करेगी. मंगलवार को अदालत की सुनवाई के दौरान सिविल कोर्ट के दोनों गेट और नये बार भवन की ओर से प्रवेश द्वारा पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी. लालू यादव की झलक पाने के लिए कार्यकर्ताओं और समर्थकों की संभावित भीड़ को देखते हुए ऐसा किया गया. अदालत के फैसले से राजद कार्यकर्ताओं और लालू समर्थकों में मायूसी है.राबड़ी आवास के सामने कार्यकर्ता और समर्थक जुटे दिखे.
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डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी. शुरुआत में 170 आरोपित थे. इनमें से 55 की मौत हो गयी. दीपेश चांडक व आरके दास समेत सात आरोपितों को सीबीआइ ने गवाह बनाया. सुशील झा व पीके जायसवाल ने निर्णय पूर्व दोष स्वीकार किया. छह नामजद आरोपित फरार हैं.
सीबीआइ की विशेष अदालत ने पशुपालन घोटाले की आरसी-47ए/96 में 26 सितंबर, 2005 को चार्ज फ्रेम किया था. वर्ष 2001 में सीबीआइ की ओर से चार्जशीट दाखिल की गयी थी.
लालू प्रसाद की बड़ी बेटी सांसद मीसा भारती सोमवार को रांची पहुंची गयी थीं. मीसा भारती एयरपोर्ट से सीधा स्टेट गेस्ट हाउस पहुंची. बता दें कि चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में मंगलवार को आने वाले फैसले को लेकर लालू प्रसाद यादव रविवार को ही रांची पहुंच गये थे. रांची के गेस्ट हाउस में लालू यादव ठहरे थे. रांची में राजद के कई दिग्गज नेता भी पहुंचे हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan