Jharkhand news: पूर्व वित्त मंत्री सह तृणमूल कांग्रेस के केंद्रीय नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार में अपनी बातों को नहीं रख पा रहे हैं. केंद्र की भाजपा सरकार ने संघीय ढांचा में कई फोरम को खत्म कर दिया है. योजना आयोग ऐसी संस्था थी जहां राज्यों के मुख्यमंत्री पांच साल की योजनाओं से संबंधित बातों को रखते थे. फाइनांस कमीशन टैक्स का बंटवारा केंद्र और राज्यों के लिए निर्धारित करता था. किसी भी राज्य के मुख्य सचिव, योजना आयाोग के चेयरमैन व अधिकारियों के समक्ष अपने राज्य के विकास की भावी योजनाओं को रखते थे. सारी व्यवस्थाएं खत्म कर दी गयी हैं. यशवंत सिन्हा हजारीबाग स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. केंद्र व राज्यों के रिश्तों में बढ़ती दूरियां और अनबन एवं राजनीतिक परिस्थिति पर लंबी बातचीत का पेश है मुख्य अंश.
सवाल- देश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर आपकी क्या राय है.
जवाब- केंद्र में भाजपा की सरकार ने आठ साल में आर्थिक प्रबंधन पर बेहतर काम नहीं किया है. आर्थिक मुद्दों पर बजट कैसा बना सरकारी घाटा, पूंजीनिवेश एवं अर्थव्यवस्था की पूरी गणित में सरकार फेल रही है. इसी का परिणाम है कि महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है.
सवाल- कई राज्यों में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच के संबंध पर आए बदलाव पर क्या कहना है.
जवाब- केंद्र की सरकार ने गैर-भाजपा शासित राज्यों में सुपर अपॉजिशन लीडर बनाकर राज्यपाल को भेजा है. बंगाल, महाराष्ट्र, केरल एवं अन्य राज्यों में हर दिन इसके प्रमाण सामने आ रहे हैं. इससे केंद्र और राज्य के संबंध खराब हो रहे हैं. विकास कार्यों पर भी प्रभाव पड़ रहा है.
सवाल- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का बयान भाजपा को वोट नहीं देने पर राज्य बंगाल, केरल और जम्मू- कश्मीर बन जायेगा.
जवाब- उत्तर प्रदेश आज के दिन में सामाजिक और आर्थिक विकास के क्षेत्र में इन तीनों राज्यों से भी पीछे है. उत्तर प्रदेश भाग्यशाली राज्य हो जायेगा अगर इन राज्यों में विकास अलग-अलग पारा मीटर में हुए हैं. वह यहां भी हो जाये. वैसे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का बयान विकास को लेकर नहीं है. मतों के ध्रुवीकरण करने की मंशा है. ऐसे कई बयान ध्रुवीकरण को लेकर पहले भी दिये गये हैं.
सवाल- देश की राजनीति में मूलभूत सुविधाओं के मुद्दे गौण क्यों हो रहे हैं.
जवाब- मूलभूत सुविधा व जनता की परेशानियों पर सवाल नहीं पूछे जाये, इसलिए राजनीतिक दल 70 साल पहले जिस जिन्ना की मौत हो गयी उसे उत्तर प्रदेश में चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा है. दो संप्रदायों को चुनावी भाषणों में केंद्र बिंदु बनाया जा रहा है. इसके पीछे मंश सिर्फ अपनी नाकामियों को छुपाना है.
सवाल- कोरोना काल में कांग्रेस और आप पार्टी के कारण परिस्थितियां बिगड़ीं. ऐसे भाजपा का आरोप है.
जवाब- बिना तैयारी के लॉकडाउन लगाया गया. सड़कों पर बेरोजगार बनाकर लोगों को छोड़ दिया गया. झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के लोगों को सब पता है कि किसने परेशानियों में डाला.
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सवाल- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उत्तर प्रदेश में प्रचार करेंगे.
जवाब- भाजपा ने झारखंड में 65 पार, बंगाल में 200 पार और उत्तर प्रदेश में 300 पार का नारा के संबंध में कहना चाहता हूं कि झारखंड और बंगाल में क्या हुआ परिणाम. उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही होने वाला है. मुख्यमंत्री पार्टी की ओर से प्रचार में जा रहे हैं. बाकी लोग भी शामिल है.
रिपोर्ट : सलाउद्दीन, हजारीबाग.