Rahul Bajaj: बजाज समूह के चेयरमैन रहे राहुल बजाज (Rahul Bajaj) ने नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के काला धन (Black Money) से संबंधित कानून का खुलकर विरोध किया था. उन्होंने इसे व्यापारियों को परेशान करने वाला कानून करार दिया था. पद्म भूषण से सम्मानित उद्योगपति राहुल बजाज ने यहां तक कह दिया था कि यह नरेंद्र मोदी की सरकार है ही नहीं.
काला धन से संबंधित भारत सरकार के कानून के बारे में जब एक मीडिया चैनल ने उनसे बातचीत की, तब उन्होंने कहा था कि यह नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि सरकार तो नरेंद्र मोदी की ही है, तो मशहूर उद्योगपति ने कहा था कि सरकार भले उनकी हो, लेकिन काला धन पर जो नीतियां सरकार ने बनायी हैं, वह उसकी नहीं है.
राहुल बजाज ने कहा था कि नरेंद्र मोदी की सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की बात करती है. लेकिन, काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम-2015 में ऐसे-ऐसे प्रावधान किये गये हैं, जिससे इनकम टैक्स ऑफिसर और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी जब-तब बिजनेसमैन को परेशान करेंगे.
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बता दें काला धन कानून में 50 हजार रुपये के न्यूनतम जुर्माने का प्रावधान किया गया है इसके अलावा कर अधिकारी विदेशों में जमा संदिग्ध काले धन की जांच के घेरे में आये लोगों को ई-मेल के जरिये समन या नोटिस भेज सकेंगे. इसलिए राहुल बजाज का मानना था कि इस केंद्र सरकार के कानून की वजह से आईटीओ और ईडी को बिजनेसमैन को प्रताड़ित करने का अधिकार मिल जायेगा.
राहुल बजाज ने कहा था कि आप देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की बात करते हैं, लेकिन एक ऐसा कानून लेकर आये हैं, जो बिजनेस करने वालों को परेशान करता है. उनके रास्ते बंद करता है. उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानता कि आगे भाजपा की कहीं सरकार बनेगी. हालांकि, उन्होंने कहा था कि वह भाजपा के विरोधी नहीं हैं. लेकिन, बंगाल पंचायत चुनाव में जो हुआ, उसको देखकर यह कहना मुश्किल है कि भविष्य में यह पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी.
बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज ने कहा था कि अगर भाजपा की सरकार बनती है और वह ईज ऑफ डूइंग की बात करती है, तो उसे सुधारों पर जोर देना चाहिए. लेकिन उसने ऐसा कानून बनाया है, जो उद्योग जगत को, बिजनेस करने वालों को परेशान करता है. बता दें कि राहुल बजाज का पुणे के एक अस्पताल में शनिवार को 83 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्हें निमोनिया के अलावा कई और परेशानियां भी थीं. पिछले महीने ही राहुल बजाज को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने राहुल बजाज का नाम ‘राहुल’ रखा था. राहुल बजाज के दादा जमनालाल बजाज एक स्वतंत्रता सेनानी थे. वर्ष 1926 में उन्होंने बजाज कंपनी की शुरुआत की थी. उनके बेटे कमलनयन बजाज ने जब कंपनी की कमान संभाली, तो उसके कुछ ही दिनों बाद दोपहिया वाहन बजाज ऑटो (Bajaj Auto) की शुरुआत की. जमनालाल बजाज के स्वतंत्रता सेनानी होने की वजह से नेहरू से बजाज परिवार के अच्छे रिश्ते थे. राहुल बजाज ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि पंडित नेहरू ने ही उनका नाम ‘राहुल’ रखा था.
राहुल बजाज जब अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़कर वर्ष 1965 में भारत लौटे, तो उन्होंने बजाज ऑटो में काम करना शुरू किया. बाद में वह कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बने. राहुल बजाज ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली थी. इसके बाद बॉम्बे यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. बाद में एमबीए करने के लिए अमेरिका चले गये.
Posted By: Mithilesh Jha