Kasganj News: कासगंज पुलिस की हिरासत में एक युवक की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. घटना के करीब तीन महीने बाद हाईकोर्ट ने मामले में बड़ा आदेश जारी किया है. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि अल्ताफ का शव कब्र से निकाला जाए और दिल्ली एम्स के डॉक्टरों द्वारा फिर से उसका पार्टमार्टम कराया जाए. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान ये आदेश दिए हैं.
मामले में मृतक के पिता ने पहले पुलिस कार्रवाई को सही बताया, बाद में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फिर से पोस्टमार्टम के आदेश दिए हैं. साथ ही कहा कि पोस्टमॉर्टम कासगंज के जिलाधिकारी और एसपी की देख-रेख में होना चाहिए. इसके अलावा पोस्टमॉर्टम के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराने के भी आदेश दिए हैं. फिलहाल, मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह तक के लिए टल गई है.
घटना के बाद मामले की जानकारी देते हुए उस समय कासगंज एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि, पुलिस ने एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ के दौरान उसने शौचालय जाने का अनुरोध किया. वहां उसने अपनी जैकेत के हुड के अंदर की रस्सी से खुद का गला घोंटने की कोशिश की. पुलिस अधिकारी उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल ले गए, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
दरअसल, मृतक अल्ताफ (21) पुत्र चांद मियां (निवासी नगला सैयद) एक मकान में टाइल लगाने का काम कर रहा था, जहां से एक लड़की लापता हो गई थी. परिजनों ने जिसका आरोप अल्ताफ पर लगाया. परिजनों का कहना था कि अल्ताफ ही लड़की को भगा ले गया है. मामले में कासगंज पुलिस ने अल्ताफ को 8 नवंबर की रात्रि करीब 8 बजे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया, जिसके अगले दिन 9 नवंबर की शाम को अल्ताफ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
इससे पहले मृतक अल्ताफ के पिता चांद मियां ने आरोप लगाया था कि पुलिस, अल्ताफ को शक के तौर पर थाने ले गई. जहां पर पुलिस वालों ने अल्ताफ को फांसी लगा दी. हालांकि, डॉक्टरों की रिपोर्ट आने के बाद युवक के पिता पुलिस ने पुलिस कार्रवाई पर संतुष्टी जताई. इस पूरे में कोतवाली प्रभारी वीरेंद्र इन्दोलिया, चौकी प्रभारी विकास शर्मा सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. घटना के करीब तीन महीने बाद अब हाईकोर्ट ने शव का फिर से पार्टमार्टम कराने के निर्देश दिए हैं.