रांची : कोल इंडिया में रिटायर, मृत या अन्य कारणों से कंपनी छोड़नेवाले कर्मियों की संख्या नये बहाल होनेवालों से अधिक है. आधे पद रिक्त रह जा रहे हैं. एक अप्रैल 2021 से एक जनवरी 2022 तक कोल इंडिया में 13762 कर्मचारी या तो रिटायर व मृत हो गये या फिर कंपनी छोड़ गये. इसकी तुलना में 6066 कर्मी बहाल हुए. इसमें 1591 की बहाली अनुकंपा पर हुई. 2090 नये बहाल हुए.
जमीन के बदले 1109 लोगों की बहाली हुई है.12 लोगों ने फिर से योगदान दिया है. दूसरी कंपनियों से कोल इंडिया में 1224 लोगों ने योगदान दिया. 9113 रिटायर हुए. 166 लोगों ने त्याग पत्र दे दिया. 2944 की मौत हो गयी. 265 लोगों को बर्खास्त, टर्मिनेट या रिमुवल किया गया. 1273 दूसरी कंपनियों के लिए भेज दिये गये हैं. एक को समय से पूर्व सेवानिवृत्त किया गया. अब मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि भी केंद्र की नीतियों पर सवाल उठा रहे हैं.
कोल इंडिया की मैनपावर रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में पड़नेवाली कंपनी सीसीएल में एक अप्रैल 2021 का मैनपावर 36717 था. वहीं एक जनवरी 2022 को कंपनी का मैनपावर 36191 रहा गया है. साथ ही धनबाद स्थित बीसीसीएल में एक अप्रैल 2021 को मैन पावर 41149 था. यह एक जनवरी 2022 को 39564 हो गया. सीएमपीडीआइ में 62 लोग घट गये. कोल इंडिया के मुख्यालय सहित 11 कार्यालयों में केवल एनसीएल और एमसीएल में ही मैन पावर बढ़ा है. सबसे अधिक मैन पावर की कमी 47481 स्टॉफ वाले एसइसीएल में हुई है.
सीसीएल के मैन पावर से पिछले नौ माह में 1498 घट गये हैं. वहीं 972 नये लोग रखे गये हैं. इस अवधि के दौरान सीसीएल से 807 लोग रिटायर हुए. 25 लोगों ने इस्तीफा दे दिया. 493 लोगों की मौत हो गयी. 35 लोगों को बर्खास्त कर दिया गया. 138 लोग दूसरी कंपनियों में चले गये.
इस सरकार की नीति के तहत सार्वजनिक क्षेत्रों में बहाली को बिल्कुल रोक दिया गया है. नयी भर्ती बंद है. केंद्र सरकार चाहती है कि सारे पब्लिक सेक्टर के कर्मियों को निम्न स्तर का मजदूर बना दिया जाये. इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को भारी नुकसान होगा.
आरपी सिंह, सीटू नेता
Posted By : Sameer Oraon