कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का टीएमसी से रिश्ता टूट चुका है. ऐसी चर्चा है. बंगाल से त्रिपुरा तक के विधानसभा चुनावों के लिए तृणमूल कांग्रेस की रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक (ipac) का ‘पैक-अप’ हो गया है. हालांकि, पार्टी नेतृत्व का दावा है कि समस्या को सुलझा लिया गया है.
बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की 108 नगरपालिकाओं में होने जा रहे चुनावों से पहले उम्मीदवारों की दो-दो लिस्ट जारी होने से पार्टी की हुई किरकिरी के बाद टीएमसी-आईपैक के संबंधों में दरार आ गयी. उम्मीदवारों की सूची को लेकर तृणमूल और प्रशांत किशोर (पीके) की टीम आइपैक के बीच दूरी बढ़ गयी. चर्चा है कि तृणमूल और पीके के बीच हुआ कथित समझौता टूट गया है. हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
बता दें कि बंगाल की 108 नगरपालिकाओं में 27 फरवरी को मतदान होना है. बताया यह भी जा रहा है कि नगरपालिका चुनावों के लिए बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की ओर से जारी की गयी उम्मीदवारों की सूची को लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध जारी है. हालांकि, शीर्ष नेताओं का दावा है कि पार्टी में कोई समस्या नहीं है. छोटी-मोटी कुछ गलतफहमी थी, उसे दूर कर लिया गया है.
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असल में पिछले सप्ताह तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी और पार्टी के प्रदेश महासचिव पार्थ चटर्जी ने तृणमूल उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. इसके कुछ ही घंटे बाद पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट और आधिकारिक सोशल मीडिया पर भी उम्मीदवारों की सूची अपलोड हुई. इसके बाद कई जिलों से तृणमूल कार्यकर्ताओं के हंगामे की खबर आने लगी.
तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर की कंपनी आइपैक की ओर से पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट और आधिकारिक सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की सूची अपलोड की गयी. हालांकि, आइपैक की ओर से इस आरोप का खंडन किया गया. आईपैक की ओर से कहा गया कि उम्मीदवारों की सूची से उसका कोई लेना-देना नहीं है.
Posted By: Mithilesh Jha