Hijab Controversy: कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर मामला बढ़ता जा रहा है. धीरे-धीरे इसपर राजनेताओं से लेकर बॉलीवुड स्टार्स खुलकर बोलते नजर आ रहे है. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट कर लिखा था कि महिलाओं को अपने हिसाब से कपड़े पहनने का हक है. इसपर एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा ने उनसे एक सवाल पूछा है.
प्रियंका गांधी ने कही थी ये बात
दरअसल, कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट कर लिखा था, चाहे वह बिकिनी हो, घूंघट हो, जींस की जोड़ी हो या हिजाब, यह तय करना एक महिला का अधिकार है कि वह क्या पहनना चाहती है. भारतीय संविधान से हमें इसकी गारंटी मिली है. महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो. साथ ही हैशटैग लड़की हूं लड़ सकती हूं का इस्तेमाल किया था.
Whether it is a bikini, a ghoonghat, a pair of jeans or a hijab, it is a woman’s right to decide what she wants to wear.
This right is GUARANTEED by the Indian constitution. Stop harassing women. #ladkihoonladsaktihoon
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 9, 2022
प्रियंका गांधी से शर्लिन चोपड़ा ने पूछा ये सवाल
प्रियंका गांधी के इस ट्वीट को शर्लिन चोपड़ा ने रीट्वीट किया. शर्लिन ने इसपर उनसे सवाल पूछते हुए लिखा, मिसेज वाड्रा, भारतीय संविधान की आपकी व्याख्या के अनुसार, क्या लड़कियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में बिकनी पहनने की अनुमति है? यदि हां, तो किस प्रकार की? माइक्रो-बिकिनी और/या सी-थ्रू बिकनी? (मेरे पास उनमें से बहुत सारे है और यदि आवश्यक हो तो मुझे उन्हें दान करने में खुशी होगी.)
Mrs. Vadra, as per your interpretation of the Indian Constitution, is it permissible for girls to wear bikinis to educational institutions?
If yes, then, what kind?
Micro-bikinis and/or see-through bikinis ?
(P.S. I have tons of them and I'd be happy to donate them if need be.) https://t.co/UniYmsRYPQ— Sherlyn Chopra (शर्लिन चोपड़ा)🇮🇳 (@SherlynChopra) February 9, 2022
बुर्का-विवाद पर ये बोले जावेद अख्तर
वहीं, ‘बुर्का-विवाद’ पर गीतकार जावेद अख्तर ने लिखा, मैं कभी भी हिजाब या बुर्का के पक्ष में नहीं रहा. मैं अब भी उस पर कायम हूं, लेकिन इसके साथ ही मैं उन गुंडों की भीड़ के लिए मेरे मन में बड़ा तिरस्कार है, जो कुछ लड़कियों के छोटे ग्रुप को डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. उसमें भी वे सफल नहीं हो पा रहे है. क्या उनके हिसाब से यही मर्दानगी है. अफ़सोस की बात है.