Jharkhand News: झारखंड के गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड स्थित गुरदरी थाना की पुलिस ने नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के हार्डकोर उग्रवादी गढ़ा कुजाम निवासी बुधराम उरांव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बिशुनपुर प्रखंड के कुजाम माइंस व चैनपुर प्रखंड के कुरूमगढ़ थाना पर हुए हमले में बुधराम शामिल था. पुलिस ने गुप्त सूचना पर बुधराम को उसके घर से पकड़ा. पूछताछ के बाद उसने भाकपा माओवादी के संबंध में कई जानकारियां दी हैं. इस दौरान उसने माओवादियों का साथ देने को लेकर अफसोस जताया.
गुमला के कुजाम बॉक्साइट माइंस व कुरूमगढ़ थाने पर हमले के बाद उग्रवादियों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालने और खाने-पीने की व्यवस्था बुधराम ने ही की थी. इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल व थाना प्रभारी कुंदन कुमार ने बताया कि बुधराम वर्ष 2011 में जोनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव व रंथू उरांव के कहने पर संगठन में शामिल हुआ था. इसके बाद से वह माओवादी में सक्रिय था. नक्सलियों के खाने-पीने, ठहरने, कपड़ा-जूता की व्यवस्था करने का भी काम बुधराम के जिम्मे था. पुलिस की हर गतिविधि की सूचना बुधराम द्वारा माओवादी के बड़े उग्रवादियों तक पहुंचाया जाता था.
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भाकपा माओवादी गुमला के हार्डकोर सदस्य बुधराम उरांव ने पुलिस के समक्ष अपने ही संगठन के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं. उसने उग्रवादियों का साथ देने पर अफसोस जताया है. बुधराम ने पुलिस के समक्ष कहा है कि बिशुनपुर प्रखंड के कुजामपाट बॉक्साइट माइंस में माओवादियों द्वारा हमला के बाद लोगों का रोजगार छीन गया था. बड़े पैमाने पर लोग पलायन करने लगे थे. तब मुझे पता चला कि हमने गलती की है. अब मुझे पुलिस ने पकड़ लिया है. मैं जेल से निकलने के बाद अच्छा नागरिक बनूंगा और माओवादियों का कभी सहयोग नहीं करूंगा.
गुमला सर्किल के इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने कहा कि गुमला जिले के गुरदारी थाना क्षेत्र के कुजामपाट माइंस में नक्सली संगठन माओवादियों द्वारा झारखंड के सबसे बड़ी आगजनी की घटना को अंजाम दिये जाने के मामले में घटना में संलिप्त माओवादियों का सहयोगी बुधराम उरांव को गिरफ्तार कर गुमला पुलिस ने जेल भेज दिया है. गुप्त सूचना मिली थी कि कुजामपाठ माइंस में आगजनी के लिए बुधराम द्वारा रेकी की गयी थी. इसके बाद से पुलिस बुधराम को पकड़ने के लिए जब कुजामपाठ की तरफ गयी तो कुजाम माइंस के समीप ही बुधराम को पुलिस ने धर दबोचा.
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इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने बताया कि बुधराम 2011 से नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के बुद्धेश्वर व रंथू के संपर्क में था. 2015 में रंथू के द्वारा बुधराम को 15 हजार रुपये दिया गया था. जिससे वह छह जोड़ी जूता माओवादियों तक पहुंचाया था. माओवादी का जब भी उस इलाके में आना-जाना होता था तो बुधराम ही खाना-पीना व रास्ता दिखाने का काम करता था. माओवादियों द्वारा कुरुमगढ़ थाना को जिस दिन विस्फोट कर उड़ाया गया था तो माओवादी सदस्यों के लौटने के क्रम में बुधराम द्वारा ही बिशुनपुर थाना क्षेत्र के चिंगरी के समीप से उन लोगों को सनई जाने वाले रास्ते में रेकी करने का काम किया था.
रिपोर्ट: दुर्जय पासवान