बिहार के सभी विभागों को पेपरलेस बनाने की कवायद के तहत इ-ऑफिस प्रणाली को लागू की जा रही है. इसके तहत अब तक 10 विभागों और 23 निगमों में इ-ऑफिस सिस्टम लागू हो गया है. जल्द ही इसे 18 नये विभागों में भी लागू किया जायेगा. राज्य के बड़े विभागों में इस प्रणाली को लागू करने में सबसे बड़ी समस्या आ रही है, पुरानी फाइलों को स्कैन करके अपलोड करने की. इन पुरानी फाइलों की संख्या हजारों में होने की वजह से इन्हें अपलोड करना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रही है.
कुछ काफी पुरानी फाइलों की हालत ज्यादा खराब होने से इन्हें स्कैन कर अपलोड करने में समस्या आ रही है. इन कारणों से इ-ऑफिस प्रणाली को लागू करने में समस्या आ रही है. राज्य के छोटे विभागों के अलावा जो भी छोटे निगम हैं, उनमें फाइलों की संख्या कम होने से इसे स्कैन कर अपलोड करने में ज्यादा समस्या नहीं आ रही है. बिहार का इ-ऑफिस प्रणाली को लागू करने में देश में 12वां स्थान है. राज्य का आइटी विभाग इसे लागू करने वाला नोडल विभाग है.
जिन 10 विभागों में यह प्रणाली लागू हो गयी है, उसमें आइटी, सहकारिता, नगर विकास एवं आवास, समाज कल्याण, कला-संस्कृति एवं युवा, ग्रामीण विकास, सड़क निर्माण, भवन निर्माण, वित्त विभाग समेत अन्य शामिल हैं. इसके अलावा बेल्ट्रॉन, बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड, रेरा, रजिस्ट्रार सहकारिता सोसाइटी, भू-रिकॉर्ड एवं सर्वे निदेशालय, पटना मेट्रो कॉरपोरेशन, बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड, समाज कल्याण निदेशालय समेत अन्य 23 निगम एवं निदेशालय में भी पूरी तरह से इ-ऑफिस प्रणाली को लागू कर दी गयी है. वास्तविक रूप में सौ फीसदी किसी विभाग में इ-ऑफिस प्रणाली लागू करना संभव नहीं हो पाया है.
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इ-ऑफिस प्रणाली लागू होने से सभी विभागों में स्टेशनरी समेत सभी तरह के खर्च बच जायेंगे. आकलन के मुताबिक, इससे करीब 70 करोड़ रुपये की सालाना बचत राज्य को होगी. फाइलों का मूवमेंट और ट्रैकिंग तेज हो जायेगी. बैकडेट से अपडेट करने समेत किसी तरह की गड़बड़ी भी बंद हो जायेगी.
संतोष कुमार मल्ल, आइटी सेक्रेट्री
POSTED BY: Thakur Shaktilochan