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बिहार में स्कूल तो खुले पर विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा क्लास आने का मौका, लगातार परीक्षा से पढ़ाई बाधित

फरवरी से लेकर 4 मार्च तक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा इंटरमीडिएट, मैट्रिक और नौवीं क्लास के परीक्षाओं को लेकर शेड्यूल जारी है.

नवादा. फरवरी से लेकर 4 मार्च तक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा इंटरमीडिएट, मैट्रिक और नौवीं क्लास के परीक्षाओं को लेकर शेड्यूल जारी है. कोविड-19 संक्रमण के कारण पहले से ही विद्यार्थियों के लिए संस्थान कई महीनों तक बंद रहे हैं. थोड़ी सी छूट मिलने के बाद विद्यार्थी जब स्कूल आना शुरू किए तो परीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है. इसका खामियाजा आम विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.

परीक्षा के कारण जिला मुख्यालय के अलावा प्रखंड स्तर पर 37 परीक्षा सेंटर में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. लंबे अंतराल के बाद सरकार के गृह विभाग के निर्देश पर स्कूलों और कॉलेजों में क्लास शुरू करने की अनुमति दी गई है लेकिन जिन स्कूल और कॉलेजों में परीक्षा सेंटर बना है वहां पर पढ़ाई की व्यवस्था आगे पूरी परीक्षा तक ठप ही रहेगी. इंटरमीडिएट की परीक्षा 14 फरवरी को समाप्त हो रही है.

परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद मैट्रिक की परीक्षा शुरू हो जाएगी. इसी बीच बोर्ड के द्वारा नौवीं की परीक्षा को लेकर भी शेड्यूल जारी कर दिया गया है जो 4 मार्च तक चलने वाली है. 26 फरवरी से नौवीं की परीक्षा को लेकर डेट जारी किया गया है. अब सवाल यह है कि जब विद्यार्थी की पढ़ाई नहीं हो रही है तो परीक्षा किस बात का लिया जाएगा. बोर्ड के द्वारा यह निर्धारित किया गया है कि इंटरमीडिएट और मैट्रिक के तर्ज पर ही नौवीं के विद्यार्थियों की परीक्षा होनी है. इसके लिए प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका भी बोर्ड के द्वारा ही स्कूलों को उपलब्ध कराया जाएगा.

विद्यार्थियों का हो रहा है सबसे अधिक नुकसान

परीक्षा को लेकर सेंटर बनाए जाने के कारण स्कूल और कॉलेज इंगेज हो गए हैं. जिला मुख्यालय के अलावे रजौली, वारिसलीगंज तथा हिसुआ में परीक्षा सेंटर बने हैं. इन सभी परीक्षा सेंटर पर पठन-पाठन पूरी तरह से बंद है. यहां नामांकित विद्यार्थियों को अपने कोर्स की पढ़ाई पूरा करने के लिए परेशान होना पड़ रहा है. इसमें सबसे अधिक नुकसान विद्यार्थियों का ही हो रहा है. प्राइवेट स्कूल संचालकों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है.

कोविड-19 संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए लॉकडउन की घोषणा की गई थी जिसमें स्कूलों को बंद किया गया था. गृह विभाग की घोषणा के बाद 7 फरवरी से सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में क्लास शुरू करने का आदेश जारी किया गया है. लेकिन जिला मुख्यालय और अन्य स्थानों पर प्राइवेट स्कूलों में बनाए गए परीक्षा सेंटर के कारण इन स्कूलों में अभी पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है.

जीवन ज्योति स्कूल के निदेशक डॉ आरपी साहू ने बताया कि सरकारी आदेश का सबसे बुरा असर प्राइवेट स्कूल संचालकों पर पड़ रहा है. कोविड-19 के कारण लंबे समय तक पहले से स्कूल बंद थे अब पूरे फरवरी महीने तक परीक्षा के कारण स्कूल बंद रहेंगे. ऐसी स्थिति में स्कूल प्रशासन अभिभावकों को क्या जवाब दें यह समझ में नहीं आ रहा है. कुछ यही स्थिति जिला मुख्यालय के मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, ज्ञान भारती स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, रेजिडेंशियल ब्राइट कैरियर स्कूल, जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल जैसे परीक्षा सेंटरों की हो रही है.

मैट्रिक परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए हो रहे उपाय

बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 17 से 24 फरवरी के बीच आयोजित की जाएंगी. इस साल बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षा को नकलविहीन तरीके से आयोजित करवाने के लिए कई तैयारियां की जा रही हैं. बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा ओएमआर शीट और आंसर शीट, दोनों पर स्टूडेंट्स की फोटो पेस्ट की जाएगी. इससे नकल को रोकने में मदद मिलेगी. बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 संचालित हो रही है.

बिहार बोर्ड 12वीं की परीक्षाएं 14 फरवरी 2022 तक आयोजित की जाएंगी. बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा में कई केंद्रों से छात्रों के चीटिंग करने की खबरें सामने आई हैं. ऐसे में बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में उन सभी चीजों से सबक लेकर नए सिरे से काम किया जा रहा है. बोर्ड मैट्रिक परीक्षा में ओएमआर आंसर शीट और सामान्य आंसर शीट, दोनों पर छात्र की फोटो रहेगी. फोटो से छात्र के चेहरे का मिलान आसानी से किया जा सकेगा. इसके अलावा उपस्थिति और अनुपस्थिति पत्रक पर भी छात्र की फोटो रहेगी. इससे फर्जी तरीके से परीक्षा दे रहे छात्र को आसानी से पकड़ा जा सकेगा.

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