रांची : कोरोना महामारी के प्रकोप के कम होते ही राजधानी के स्कूलों में फिर से रौनक लौट आयी है. संक्रमण की तीसरी लहर के ढलान पर आने की वजह से लगभग एक महीने तक बंद रहे सरकारी स्कूलों के गेट नौंवी से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए खुल गये. हालांकि, पहले दिन रांची जिला के विभिन्न स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रही. लेकिन, बच्चों में पढ़ाई के साथ स्कूल में सरस्वती पूजा मनाने का उत्साह भी दिखा.
स्कूलों में भी पहले की भांति सावधानी बरती जा रही है. स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए बच्चों को प्रवेश कराया गया. बच्चे भी सजगता नजर आये. हर चेहरे पर मास्क और सेनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. सरकार द्वारा जारी कोरोना की गाइडलाइन के तहत स्कूल आनेवाले बच्चों को अभिभावकों की सहमति पत्र लाना अनिवार्य है. स्कूलों में भी सहमति पत्र की जांच करने के बाद बच्चों को कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति दी गयी.
स्कूल खुलते ही बच्चों में सरस्वती पूजा का उत्साह दिखा. बच्चे सरस्वती पूजा की तैयारी में जुट गये हैं. जिला स्कूल की प्रभारी प्राचार्या दीपा चौधरी ने बताया कि बारिश के कारण बच्चों की उपस्थिति कम है. हालांकि, जितने भी बच्चे आये हैं, वे सभी सरस्वती पूजा की तैयारी में लगे हैं.
स्कूल में इस बार सांकेतिक रूप से सरस्वती पूजा का आयोजन हो रहा है. मारवाड़ी स्कूल में भी सांकेतिक सरस्वती पूजा का आयोजन किया गया है. वहीं, बरियातू गर्ल्स स्कूल की प्रभारी प्राचार्या रीता कुमारी ने बताया कि छात्राओं की उपस्थित पांच प्रतिशत के करीब रही. इसलिए इस बार सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं किया जा रहा है. हालांकि, हॉस्टल की कुछ लड़कियां सांकेतिक रूप से पूजा की तैयारी में जुटी हैं.
लगभग एक महीने के बाद पहले दिन स्कूलों में उपस्थिति काफी कम रही. पहले दिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पांच से 10 प्रतिशत ही रही. बरियातू गर्ल्स स्कूल में पांच प्रतिशत, जिला स्कूल में 10 प्रतिशत, मारवाड़ी प्लस टू में बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही. जबकि, बालकृष्णा प्लस टू स्कूल में बच्चों की उपस्थिति 35-40 प्रतिशत रही. स्कूलों के अनुसार बारिश और सरस्वती पूजा के कारण भी कई विद्यार्थी स्कूल नहीं पहुंचे सके. हालांकि, दूरदाराज रहनेवाले विद्यार्थी सोमवार से नियमित रूप से स्कूल आने लगेंगे.
स्कूल खुलते ही वैक्सीनेशन कैंप लगाया गया. इसमें 150 बच्चों को वैक्सीन का दूसरा डोज लगा. कक्षा में बच्चों की उपस्थिति ठीक रही. एक बेंच पर एक विद्यार्थी को बैठाया गया. बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है.
– दिव्या सिंह, प्राचार्या,
बालकृष्णा प्लस टू उच्च विद्यालय
Posted By : Sameer Oraon