अफ्रीका के माली में फंसे गिरिडीह और हजारीबाग जिले के 33 मजदूरों में से सात मजदूर पांच फरवरी को रांची लौटेंगे. तीन फरवरी को सात मजदूरों का पहला समूह बमाको से निकल चुका है. सभी पांच फरवरी को फ्लाइट द्वारा 12:45 बजे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची पहुंचेंगे. पहला समूह में दिलीप कुमार, छेदीलाल महतो, संतोष महतो, लालमणि महतो, इंद्रदेव ठाकुर, लोकनाथ महतो व इंद्रदेव प्रसाद शामिल हैं.
जानकारी के अनुसार, छह फरवरी को मजदूरों का दूसरा समूह बमाको से झारखंड के लिए निकलेगा. वेस्ट अफ्रीका के माली से इन 33 मजदूरों ने अपने राज्य वापसी की गुहार सोशल मीडिया के माध्यम से लगायी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता द्वारा संज्ञान लेते हुए घटना की उचित करवाई के लिए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देश दिया गया.
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा मजदूरों से सत्यापन किया गया एवं जानकारी मिली कि वह सभी वर्ष 2021 से कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड में फिटर के रूप में वहां कार्यरत थे. उन्हें त्रिमाही वेतन (400 डॉलर =29,725 रुपये) देने की बात नियुक्ति पत्र में अंकित थी. मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार ने उनका पासपोर्ट जब्त कर रखा है और वह भारत वापस आ चुका है.
तीन महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया गया एवं उनके पास दो दिन का खाना ही बचा था. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा कार्रवाई करते हुए कंपनी के कंट्री हेड एवं मैनेजर से संपर्क कर मजदूरों की समस्या पर बात की गयी एवं उनके खाने की उचित व्यवस्था और वेतन का भुगतान करने को कहा. घटना के संबंध में भारतीय दूतावास, माली से संपर्क किया गया और घटना से अवगत कराया गया.
उनके द्वारा कंपनी, ठेकेदार एवं मजदूरों के प्रतिनिधियों को दूतावास कार्यालय बातचीत के लिए बुलाया गया.18 जनवरी 22 को तीनों पक्ष के प्रतिनिधि द्वारा दूतावास कार्यालय में समझौता पत्र में हस्ताक्षर किया गया. समझौता के अनुसार अक्तूबर और नवंबर 2021 का वेतन कंपनी द्वारा दिया जायेगा. उनका वेतन प्रति व्यक्ति दो माह का 750 डॉलर दिया जायेगा. वेतन उनके अकाउंट में डाला जायेगा. नियोजक द्वारा बमाको से रांची तक का फ्लाइट टिकट किया जायेगा. जब तक टिकट नहीं होता, तब तक मज़दूरों की सारी जरूरतों की जिम्मेदारी कंपनी की होगी.