Varanasi News: लोहता थाना क्षेत्र के सरवनपुर गांव निवासी सेना के जवान श्यामजी यादव की पठानकोट में तैनाती के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इसकी खबर जब जवान के परिजनों को मिली तो वे पठानकोट पहुंचकर शव लेकर पैतृक गांव पहुंचे. यहां परिजनों समेत गांव वालों ने सेना के किसी भी अधिकारी के आने पर रोष जताते हुए अंत्योष्टि करने से मना कर दिया.
लोहता थानाक्षेत्र के सरवनपुर गांव के निवासी श्याम जी यादव की ड्यूटी पठानकोट में थी, जहां बीते शनिवार को उनका शव पठानकोट में एक कमरे के अंदर संदिग्ध अवस्था में मिला था. इसके बाद सेना के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को सूचना दी, जिसके बाद परिजन यहां से पठानकोट गए थे और शव लेकर वापस लौटे.
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परिजन जब शव लेकर सेना के कुछ जवानों के साथ गांव पहुंचे तो पूरा गांव भारत माता की जय और श्याम जी यादव अमर रहे के नारे से गूंज उठा. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. जवान की पत्नी और बेटा- बेटी का रोना देखकर हर किसी का कलेजा मुंह को आ रहा था. शव को देखकर पूरा माहौल गमगीन हो गया था.
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परिजनों को इस बात की तकलीफ थी कि शव के साथ कोई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा. परिजनों ने मांग की है कि जब तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं आएगा, तब तक अंत्योष्टि नहीं की जायेगी.
श्याम जी यादव की ड्यूटी जम्मू कश्मीर के पठानकोट में लगी थी, जहां एक होटल में संदिग्ध अवस्था में उनका शव मिला, जिसकी खबर मिलते ही परिजन वहां पहुंचे. जांच पड़ताल सहित अन्य प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जवान का शव परिजनों को दिया गया, जिसे लेकर भारतीय सेना के जवान और परिजन बुधवार सुबह सवनपुर गांव पहुंचे.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी