Varanasi News: बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर बाबा विश्वनाथ का तिलकोत्सव संपन्न होगा. महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के विवाह के पूर्व तिलकोत्सव परम्परा का पालन करते हुए बसंत पंचमी के दिन तिलक की रस्म पूरी की जाएगी. पांच फरवरी को बसंत पंचमी वाले दिन बाबा विश्वनाथ के तिलक का उत्सव टेढ़ीनीम स्थित विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर होगा.
बाबा विश्वनाथ का तिलकोत्सव लोकमान्यताओं के अनुसार बसन्त पंचमी वाले दिन किया गया था. इसीलिए प्रत्येक वर्ष बसन्त पंचमी के शुभ अवसर पर काशीवासी परंपरानुसार तिलक की रस्म पूरी करते हैं. शनिवार को महंत आवास पर भोर में मंगला आरती के बाद परंपरानुसार दिनभर तिलकोत्सव के लोकाचार संपादित होंगे.
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ब्राह्मणों द्वारा चारों वेदों की ऋचाओं के पाठ के साथ बाबा का दुग्धाभिषेक कर विशेष पूजनोपरांत फलाहार के साथ विजयायुक्त ठंडाई का भोग अर्पित किया जायेगा. इस दौरान महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाया जाएगा. सायंकाल भक्तों को बाबा विश्वनाथ (राजसी-स्वरूप) दूल्हा स्वरूप में दर्शन देंगे. इस दिन शहनाई, डमरू के साथ सात थाल में तिलक की सामग्री लेकर समाजसेवी केशव जालान काशीवासियों की ओर से बाबा को तिलक चढ़ाएंगे.
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तिलकोत्सव की शोभायात्रा महंत आवास पहुंचने पर महंत डॉ. कुलपति तिवारी के सानिध्य में तिलकोत्सव की रस्म पूरी की जाएगी. तिलकोत्सव सायंकाल बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत प्रतिमा को तिलक चढ़ाकर किया जाएगा. तिलकोत्सव के पूर्व भोर 04:00 से 04:30 बजे तक बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत मूर्ति की मंगला आरती के साथ आयोजन की शुरुआत होगी.
सुबह 06:00 से 08:00 बजे तक ग्यारह वैदिक ब्राह्मणों द्वारा चारों वेदों की ऋचाओं के पाठ के साथ बाबा का दुग्धाभिषेक करने के बाद बाबा को फलाहार का भोग अर्पित किया जाएगा. दोपहर भोग आरती के बाद बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा का विशेष राजसी श्रृंगार किया जाएगा, जिसके बाद सायंकाल 5:00 बजे से श्रद्धालु प्रतिमा को देख सकेंगे. 7:00 बजे लग्नानुसार बाबा का तिलकोत्सव किया जाएगा.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी