Gupt Navratri 2022: देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है. गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं. माघ नवरात्रि का आरंभ आज यानी बुधवार, 2 फरवरी से शुरु हो चुका है, जो गुरूवार, 10 फरवरी तक चलेगा.
इस बार 19 साल बाद गुप्त नवरात्रि में राहु अपनी मित्र राशि वृषभ में स्थित है. इससे पहले 2 फरवरी 2003 को गुप्त नवरात्रि का आरंभ राहु के वृषभ राशि में रहते हुआ था. वर्तमान में सूर्य और शनि भी एक साथ मकर राशि में स्थित हैं. मकर शनि के स्वामित्व की ही राशि है. सूर्य-शनि के एक साथ एक ही राशि में होने तंत्र क्रियाएं सुगमता से होती हैं. इसका प्रभाव गुप्त नवरात्रि में साधना करने वाले लोगों को प्राप्त होगा.
अगर आपके घर में धन संबन्धी परेशानियां हैं और काफी मेहनत के बावजूद आप इन परेशानियों को दूर नहीं कर पा रहे हैं तो इस नवरात्रि पर मातारानी के एक मंत्र का जाप करें. जाप कम से कम एक माला से लेकर अपनी श्रद्धानुसार मालाओं तक किया जा सकता है. इसके अलावा भोजपत्र पर केसर की स्याही से दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम लिखें. फिर उन नामों का उच्चारण करते हुए आहुति दें. हवन के बाद भोजपत्र चांदी में जड़वाकर ताबीज की तरह बनवा लें. इसे या तो पहन लें, या फिर तिजोरी में रख दें. इस उपाय के परिणाम जल्दी ही सामने आएंगे और धन आगमन के रास्ते खुलने लगेंगे.
मंत्र है – ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महा मातंगी प्रचिती दायिनी, लक्ष्मी दायिनी नमो नमः
गुप्त नवरात्रि में माता की आराधना से कोर्ट में विजय, संतान सुख, मारण, उच्चाटन, मोहन, आकर्षण आदि कई लाभ होते हैं. राजनीतिक सफलता के लिए पद प्राप्ति एवं कई साधक आत्मसुख की प्राप्ति के लिए इनकी आराधना करते हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान 5 फरवरी को वसंत पंचमी का पर्व रहेगा. इस दिन देवी सरसवती की पूजा की जाएगी. 8 को नर्मदा जयंती का पर्व मनाया जाएगा.