पटना. केंद्र सरकार ने नये वित्तीय वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश कर दिया है. इस बार के बजट में बिहार समेत सभी राज्यों के लिए अतिरिक्त राशि देने व्यवस्था की गयी है. केंद्रीय टैक्स पुल से राज्यों को मिलने वाली हिस्सेदारी में साढ़े नौ प्रतिशत की बढ़ोतरी की गयी है. इससे बिहार को नये वित्तीय वर्ष में इस मद में करीब सात हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे.
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पूरे साल में इस मद में करीब 81 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान रखा गया है. इसमें आगामी वित्तीय वर्ष में सात हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने से यह करीब 88 हजार करोड़ से ज्यादा हो जायेगा. इससे राज्य को आर्थिक गति प्रदान करने में काफी बल मिलेगा.
इसके अलावा आम बजट में सरकार ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के मद में भी करीब एक लाख करोड़ रुपये के राशि की बढ़ोतरी की है. इसका फायदा भी राज्य को मिलेगा. यहां वर्तमान में केंद्र प्रायोजित योजनाओं 57 के आसपास चलती हैं, जिनमें चालू वित्तीय वर्ष में करीब 45 हजार करोड़ रुपये आने का अनुमान है.
इसमें बढ़ोतरी हो जाने से आगामी वित्तीय वर्ष में इस मद से भी राज्य को करीब पांच से छह हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलने की संभावना जतायी जा रही है. इस तरह से इन दोनों मद में नये वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य को 13 से 14 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे. इसका सीधा प्रभाव राज्य के नये बजट आकार पर भी देखने को मिलेगा.
केंद्र सरकार की सभी योजनाओं में अच्छी खासी बढ़ोतरी का फायदा राज्य को मिलेगा. साथ ही जिन कुछ नयी योजनाओं में अतिरिक्त राशि की घोषणा की गयी है, उसका फायदा भी बिहार को मिलेगा. पीएम रोजगार योजना, पीएम गति-शक्ति योजना, पीएम आवास योजना समेत अन्य सभी प्रमुख योजनाओं का आकार बढ़ने और इनकी राशि बढ़ने का सीधा फायदा राज्य को सीधे तौर पर मिलेगा.
इसके अलावा केंद्र सरकार ने जनवरी 2022 जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड एक लाख 96 हजार करोड़ के आसपास होने की घोषणा की है. इसका फायदा बिहार को भी होगा. जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि के तहत पूरी राशि मिलेगी और पीछे के बकाये का भी पूरा भुगतान हो जायेगा.
इससे भी राज्य को अतिरिक्त आय होगी. हालांकि जून 2022 के बाद केंद्र से मिलने वाले जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि की समयसीमा समाप्त हो रही है. इसके बाद यह अनुदान मिलना बंद हो जायेगा. इसका नुकसान राज्य को हो सकता है. अभी इसका आकलन होने के बाद स्पष्ट होगा कि राज्य को कितने का नुकसान होगा.