Varanasi News: संकटमोचन चौकी प्रभारी अमित शुक्ला को चेकिंग के दौरान दो सगे भाई -बहन रोते हुवे मिले. उनको सकुशल उनके परिवार के पास पहुचाकर पुलिस ने सबका दिल जित लिया. खेलने के दौरान परिजनों से बिछड़े दोनो बच्चों को पुलिस ने अपने ड्यूटी के फर्ज को निभाने के साथ ही इंसांनीयत का भी उदाहरण पेश करते हुए यह सबक दिया कि पुलिस सिर्फ अपराधों के प्रति ही संवेदनशील नही बल्कि इंसांनीयत के लिए भी एक खूबसूरत चेहरा अपने दिल में रखती हैं. बच्चों को पाकर खुश परिजनों ने पुलिस का धन्यवाद करते हुए उनकी प्रंशसा की.
संकटमोचन चौकी प्रभारी अमित शुक्ला को चेकिंग के दौरान रास्ते में दो सगे मासूम भाई-बहन रोते हुए मिले. बच्चों से जब पुलिस ने उनका नाम पता पूछा तो उन्होंने पांच वर्षीय बच्ची ने अपना नाम खुशी व आठ वर्षीय बच्चे ने अपना नाम अविनाश बतलाया. मां पिता के नाम के अलावा दोनों मासूम अपने घर के पते की सही जानकारी नहीं दे पा रहे थे. पुलिस कर्मी अमित शुक्ला ने वायरलेस से सूचना प्रसारित करवाई मगर इससे भी परिजनों को ढूंढने में क़ामयाबी नही मिल पाई.
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ऐसे में उन्होंने खुद बच्चों को अपनी बुलेट पर बिठाया और सड़कों पर निकल पड़े परिजन को ढूंढने, पूरे रास्ते भर सड़को गलियो की पहचान कराते बच्चों से उनका घर खोजने की कोशिश की, इस दौरान बच्चों को दुलारते हुवे मिठाई और खिलौने भी दिलाये. बच्चों ने किसी तरह घर की पहचान के रास्ते में साकेतनगर पुलिया की तरफ़ इशारा किया वहा जाने पर लोगो ने बच्चों की पहचान की उसके बाद पुलिस बच्चों को लेकर उनके घर पहुची. अपने माता -पिता से मिलकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आ गई वही माँ के आंखों से आंसू बह रहे थे, परिजन बार बार पुलिस के इस कृतज्ञता के प्रति धन्यवाद दे रही थी.