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Sarkari Naukri : सात फॉरेंसिक वैन व प्रयोगशालाओं के लिए होगी 218 पदों पर बहाली, गृह विभाग ने दी स्वीकृति

पटना में चार करोड़ 35 लाख की लागत से विधि-विज्ञान प्रयोगशाला की एक नयी इकाई तकरीबन तैयार हो चुकी है. राज्य में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत निर्भया फंड से पटना के फॉरेंसिक लैब की नयी इकाई में एक विशेष डीएनए यूनिट बनायी जा रही है.

पटना. आपराधिक मामलों का तेजी से निष्पादन करने और अपराधियों को सजा दिलाने में वैज्ञानिक साक्ष्यों की भूमिका बेहद अहम है. इसके मद्देनजर राज्य में क्षेत्रीय विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) के साथ ही घटनास्थल पर जाकर साक्ष्य जुटाने के लिए सात फॉरेंसिक वैन की भी व्यवस्था की गयी है. इन्हें हर तरह से सुदृढ़ करने के लिए वरीय वैज्ञानिक सहायक, प्रयोगशाला वाहक व क्लर्क से लेकर चालक तक के 218 पद सृजित किये गये हैं. इन पदों की स्वीकृति गृह विभाग के स्तर से मिल गयी है. साथ ही इनमें 189 पदों का रोस्टर भी क्लीयर कर दिया गया है. शेष 29 पदों का रोस्टर क्लीयर करने के लिए अपराध अनुसंधान इकाई के पास प्रस्ताव गया है.

इन पदों पर होगी बहाली

सभी पदों पर का रोस्टकर क्लीयर होने के बाद इन पर बहाली की प्रक्रिया मार्च तक शुरू हो जाने की संभावना है. इसमें नौ निदेशक, 10 उपनिदेशक, 29 सहायक निदेशक, 58 वरीय वैज्ञानिक सहायक, 10 उच्चवर्गीय लिपिक, 20 निम्नवर्गीय लिपिक, 18 चालक, 29 प्रयोगशाला वाहक और 31 विसरा या कार्यालय परिचारी के पद शामिल हैं. इन कर्मियों की मदद से क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब के साथ ही फॉरेंसिंक वैन के क्रियाकलापों को गतिशील किया जायेगा. इसमें सबसे महत्वपूर्ण मोबाइल विधि-विज्ञान प्रयोगशाला को पूरी तरह से सुदृढ़ करना है, ताकि किसी घटना में पूरी फॉरेंसिक टीम वहां तुरंत पहुंच कर साक्ष्य को एकत्र कर सके. इसके लिए वाहन, उपकरणों के साथ ही आवश्यक कर्मियों की बहाली खासतौर से की जा रही है.

यहां-यहां रहेगी फॉरेंसिक मोबाइल वैन

वर्तमान में फॉरेंसिक मोबाइल वैन की व्यवस्था पटना में दो, मुजफ्फरपुर में दो, भागलपुर में दो और पूर्णिया में एक की गयी है. वहीं, पटना के अलावा मुजफ्फरपुर एवं भागलपुर में भी क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला एवं संयुक्त भवन तैयार हो गया है. पटना में चार करोड़ 35 लाख की लागत से विधि-विज्ञान प्रयोगशाला की एक नयी इकाई तकरीबन तैयार हो चुकी है. राज्य में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत निर्भया फंड से पटना के फॉरेंसिक लैब की नयी इकाई में एक विशेष डीएनए यूनिट बनायी जा रही है.

एक करोड़ 83 लाख रुपये जारी

इस पर छह करोड़ 12 लाख रुपये की लागत आयेगी, जिसमें पहली किस्त के तहत एक करोड़ 83 लाख रुपये जारी कर दिये गये हैं. इसके पूरी तरह से काम करने से हत्या व रेप समेत कई संगीन अपराध के मामलों में डीएनए जांच की मदद से वास्तविक अपराधी को आसानी से पकड़ा जा सकेगा. वर्तमान में किसी मामले में डीएनए जांच के लिए सैंपल को हैदराबाद या दिल्ली भेजना पड़ता है, जिसमें काफी समय लगता है.

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