राजेश कुमार ओझा
बिहार विधान परिषद के 24 सीटों पर कांग्रेस- राजद के बीच गठबंधन नहीं हो पाया. इस मुद्दे पर कांग्रेस राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मिलने के लिए बाट ही जोहती रह गई. इधर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने वाम दलों के साथ मिलकर सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा कर दिए. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अब अकेले अपने दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बताते चलें कि कांग्रेस के सीनियर नेता पिछले एक सप्ताह से गठबंधन पर बात करने के लिए दिल्ली में कैंप कर रहे थे. लालू प्रसाद से समय नहीं मिलने पर कांग्रेस नेता सोमवार को पटना लौट रहे हैं.
बिहार में जुलाई 2021 से विधान परिषद की 24 सीटें रिक्त हैं. इनमें स्थानीय निकाय प्राधिकार क्षेत्र से कार्यकाल पूरा करने वाले 19 विधान पार्षद हैं तो तीन विधान पार्षद चुनाव लड़कर विधायक बन चुके हैं. दो सीटें विधान पार्षदों के निधन से खाली हो गईं हैं. पिछली बार 24 सीटों पर महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रस और जेडीयू ने मिलकर लड़ा था. आरजेडी व जेडीयू ने 10-10 सीटों पर तो कांग्रेस ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था.
राजद ने बिहार विधान सभा चुनाव में गठबंधन के समय कांग्रेस को विधान परिषद में 6 सीट देने का अश्वासन दिया था. कांग्रेस इसको लेकर अड़ी हुई थी. लेकिन राजद कांग्रेस को तीन से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं थी. इससे खिन्न तेजस्वी ने एक सप्ताह पूर्व ही विधान परिषद के 18 सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर दिए थे. इसकी भनक लगने के बाद कांग्रेस नेता तेजस्वी यादव से बात करने का कई बार प्रयास किया. लेकिन उनकी बात नहीं हो पायी. इसके बाद कांग्रेस नेता दिल्ली में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पास अपनी गुहार लेकर गए थे. लेकिन, वहां उनकी लालू प्रसाद से भी मुलाकात नहीं हो पायी.