पटना. बिहार विधान परिषद के 24 सीटों के लिए एनडीए के घटक दलों के बीच समझौते के एलान के बाद अब लड़ाई की तस्वीर बहुत हद तक साफ हो गयी है. पटना की सीट पर जदयू की राजद से सीधी लड़ाई होगी, वहीं वैशाली में रालोजपा का मुकाबला राजद से होगा. मधुबनी की सीट पर राजद को इस बार भाजपा की जगह जदयू से भिड़ना होगा. यहां से वर्तमान विधान पार्षद सुमन महासेठ पिछली बार भाजपा के उम्मीदवार के रूप में जीते थे.
भाजपा को जिन 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारना है, उनमें से सभी सीटों पर उसके सीटिंग मेंबर ही हैं, बस भाजपा को इस बार अपनी जीती हुई सीट को बचाना है. इस बार मधुबनी सीट जदयू के पास चला गया है. प्रभात खबर से बात करते हुए सुमन महासेठ ने कहा कि आलाकमान ने उन्हें भरोसा दिया था और वो तैयारी भी शुरू कर दिये थे, लेकिन अब जब सीट जदयू के पास चली गयी है, तो वो अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों से बात करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे.
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राजन कुमार सिंह-औरंगाबाद
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संतोष कुमार सिंह-रोहतास कैमूर
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सच्चिदानंद राय-सारण
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टुन जी पाण्डेय-सिवान
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आदित्य नारायण पाण्डेय-गोपालगंज
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राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता-पूर्वी चंपारण
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रजनीश कुमार-बेगूसराय-खगड़िया
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नूतन सिंह-सहरसा, मधेपुरा सुपौल
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दिलीप कुमार जायसवाल-पूर्णिया अररिया किशनगंज
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सुनील कुमार सिंह (मृत्यु) -दरभंगा
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हरि नारायण चौधरी (मृत्यु) समस्तीपुर
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सुमन महासेठ – मधुबनी
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अशोक कुमार अग्रवाल-कटिहार (राजद से आये)
24 सीटों में से जदयू के आठ सीटिंग मेंबर हैं. इस बार जदयू को 11 सीटें मिली हैं. मधुबनी सीट भाजपा से लेने में जदयू कामयाब रहा है, जबकि पश्चिम चंपारण की सीट पर पिछली बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीतनेवाले अभी जदयू के पाले में है. ऐसे में 11 में से 10 सीटों को बचाने के लिए उतरेगा, जबकि एक सीट पटना जीतने के लिए जदयू चुनावी मैदान में उतरेगा.
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रीना देवी-नालंदा
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मनोरमा देवी-गया जहानाबाद
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सलमान रागीब-नवादा
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राधाचरण साह-आरा-बक्सर
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दिनेश प्रसाद सिंह-मुज़फ्फरपुर
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संजय प्रसाद-मुंगेर,शेखपुरा
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मनोज यादव-भागलपुर बांका
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दिलीप कुमार राय- सीतामढ़ी शिवहर
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राजेश राम-पशिम चंपारण (कांग्रेस से आये)
लगभग सभी सीटों पर राजद और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है. वैसे कांग्रेस और राजद के बीच समझौते होने की संभावना अभी बनी हुई है. राजद मुख्य रूप से वैशाली और पटना की सीट बचाने के लिए उतरेगा. यह दोनों सीट उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. वैशाली में राजद उम्मीदवार के रूप में पिछली बार सुबोध कुमार ने जीत दर्ज की थी, वहीं पटना से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीते रीतलाल यादव ने बाद में राजद का दामन थाम लिया था. ऐसे में राजद को विधान परिषद में अपनी संख्या बढ़ाने का यह चुनाव एक बेहतर मौका दे रहा है, लेकिन विपक्ष में एका की कमी के कारण राजग को हराना अभी मुश्किल लग रहा है.