सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने पशुपालन घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी-47ए/96 में आरोपितों की ओर से बहस पूरी होने के बाद फैसला के लिए 15 फरवरी की तिथि निर्धारित की है. विशेष अदालत ने उस दिन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद सहित सभी आरोपितों को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया.
इससे पूर्व शनिवार को आरोपित वेटनरी डॉक्टर शैलेंद्र कुमार सिन्हा की ओर से बहस पूरी हो गयी. लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के बहुचर्चित पांच मामलों में से पांचवें व अंतिम मामले में बिशेष अदालत 99 आरोपितों के बारे में फैसला सुनायेगी.
बहस समाप्त होने के बाद सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि फैसले के दिन सभी 99 आरोपितों को फिजिकल कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 575 गवाहों की गवाही दर्ज करायी गयी. बचाव पक्ष की ओर से 25 गवाह पेश किये गये. मामले में 13 ट्रंक (बक्सा) कागजात प्रस्तुत किया गया.
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी. मामले की शुरुआत में 170 आरोपित थे. इसमें से 55 आरोपितों की मौत हो गयी. दीपेश चांडक, आरके दास समेत सात आरोपितों को सीबीआइ ने गवाह बनाया. सुशील झा और पीके जायसवाल ने निर्णय पूर्व दोष स्वीकार किया. मामले में छह नामजद आरोपित फरार हैं.
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष धुव्र भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जुलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ केएम प्रसाद सहित 99 आरोपितों के बारे में अदालत 15 फरवरी को फैसला सुनायेगी. सीबीआइ की विशेष अदालत ने पशुपालन घोटाले की आरसी 47ए/96 में 26 सितंबर 2005 को चार्ज फ्रेम किया था. वर्ष 2001 में सीबीआइ की ओर से चार्जशीट दाखिल की गयी थी.
Posted By: Thakur Shaktilochan