Lucknow News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखें अब करीब आ गई हैं. पहले चरण के लिए मतदान 10 फरवरी को है. इसमें कुल 623 उम्मीदवार मैदान में अपना दमखम दिखाएंगे. मजे की बात यह है कि पहले चरण में ईवीएम मशीन की दो यूनिट किसी भी पोल पर लगाने की जरूरत नहीं है. कारण, एक सीट पर अधिकतम प्रत्याशियों की संख्या 15 ही है.
दरअसल, जिस विधानसभा सीट पर कैंडिडेट्स की संख्या 16 के ऊपर होती है. वहां ईवीएम की दो यूनिट लगानी पड़ती हैं क्योंकि एक यूनिट पर अधिकतम 15 ही प्रत्याशियों के नाम आ सकते हैं. अधिकतम कैंडिडेट्स की संख्या मुजफ्फरनगर में है. बता दें कि सबसे अधिक मथुरा और मुजफ्फरनगर सीट से 15-15 प्रत्याशी मैदान में हैं. वहीं, आगरा कैंट, बाह, गौतमबुद्धनगर की दादरी और गाजियाबाद नगर सीट से 14-14 उम्मीदवार मैदान में हैं.
इसी क्रम में सबसे कम प्रत्याशियों की संख्या अलीगढ़ की इगलास विधानसभा सीट पर है. यहां मात्र 5 प्रत्याशी ही मैदान में हैं. बागपत के बड़ौत और मथुरा के बलदेव सीट से 6-6 उम्मीदवार मैदान में हैं. ऐसे में पहले चरण के मतदान में किसी भी विधानसभा सीट पर दो ईवीएम यूनिट की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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चुनाव आयोग ने कहा है कि उनकी पहली और सबसे अहम प्राथमिकता कोरोना सुरक्षित चुनाव कराना है. इसके लिए उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए कई गाइडलाइंस की घोषणा की गई है. देश और उत्तर प्रदेश में जारी कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा भी दी गई है. भारत के चुनाव इतिहास में पहला मौका है, जब उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन की सुविधा भी मिली है.
बिहार और पश्चिम बंगाल की तर्ज पर चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश चुनाव में भी कोरोना संक्रमित वोटर्स के लिए कई ऐलान किए हैं. कोरोना संक्रमित या कोरेंटिन मतदाताओं को पोस्टल बैलेट की सुविधा दी जाएगी. कोरोना संक्रमित, संदिग्ध या कोरेंटिन में रहने वाले मरीज के लिए आयोग की टीम पहुंचेगी. इस दौरान वीडियोग्राफी की जाएगी. इस सुविधा को कोरोना संक्रमित और 80 साल या उससे अधिक उम्र के वोटर्स को मिलेगी. दिव्यांगों को भी पोस्टल बैलेट देने की सुविधा का चुनाव आयोग ने ऐलान किया गया है.