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अब प्राइवेट क्लीनिकों में भी मिलेगी कोवैक्सीन और कोविशील्ड, डीसीजीआई ने सशर्त दी बिक्री की अनुमति

सरकार के उच्च पदस्थ ने कहा कि दोनों टीके अब निजी क्लीनिकों में पूर्व-निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध होंगे और लोग उन्हें खरीद सकते हैं.

नई दिल्ली : महामारी के खिलाफ रामबाण की तरह इस्तेमाल होने वाले कोरोना रोधी टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड अब भारत के बाजार में आम दवा दुकानों और प्राइवेट क्लीनिकों में भी बेची जा सकेगी. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने दवा दुकानों पर इन दोनों टीकों की बिक्री के लिए सर्शत मंजूरी दे दी है. उधर, भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सरकार का टीकाकरण अभियान जारी रहेगा, क्योंकि इसके तहत सभी को पहली और दूसरी खुराक और वरिष्ठ नागरिकों को बूस्टर डोज दी जा रही है.

निजी क्लीनिकों से लिया जा सकता है बूस्टर डोज

सरकार के उच्च पदस्थ ने कहा कि दोनों टीके अब निजी क्लीनिकों में पूर्व-निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध होंगे और लोग उन्हें खरीद सकते हैं. एक सूत्र ने कहा कि जो लोग बूस्टर डोज लेने के इच्छुक हैं, वे अब निजी क्लीनिकों के माध्यम से इसका लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि निजी क्लीनिकों में उपलब्ध टीके का उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, चाहे वह पहली खुराक हो, दूसरी खुराक या बुस्टर खुराक हो.

बूस्टर डोज लेने के बाद रखी जाएगी नजर

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, डीसीजीआई ने नए औषधि और नैदानिक परीक्षण नियम, 2019 के तहत यह मंजूरी दी है. शर्तों के तहत, फर्मों को चल रहे क्लीनिकल परीक्षणों का डेटा प्रस्तुत करना होगा. प्राइवेट क्लीनिकों से बूस्टर डोज लेने के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखी जाएगी.

सीरम इंस्टीट्यूट ने 25 अक्टूबर को दिया था आवेदन

बताते चलें, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड​​​​-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने 19 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ नियमित विपणन मंजूरी प्रदान करने की अनुशंसा की थी. इसके बाद भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी दी. एसआईआई के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था.

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तीन जनवरी को मिली थी इमरजेंसी यूज की अथॉरिटी

इसके साथ ही, कोवैक्सीन और कोविशील्ड को तीन जनवरी को इमरजेंसी यूज के लिए अथॉरिटी (ईयूए) दी गई थी. बाद में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार द्वारा अपनाया गया सक्रिय और चुस्त दृष्टिकोण कोविड-19 के प्रबंधन की उसकी रणनीति की पहचान रहा है. इसमें कहा गया है कि देश में दो टीकों को डीसीजीआई द्वारा दी गई सशर्त नियमित विपणन मंजूरी उस मुस्तैदी और समयबद्धता को इंगित करती है, जिसमें देश की सार्वजनिक प्रतिक्रिया रणनीति और निर्णय लेने वाले तंत्र के जरिये महामारी का मुकाबला किया गया है.

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