कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने टि्वटर को चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उन्होंने अपने घटते फॉलोअर्स को लेकर चिंता जाहिर करते हुए टि्वटर पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया था. ट्विटर ने इन सारे सवालों का जवाब देते हुए कहा, अपने मंच पर स्वस्थ बहस और भारत को लेकर प्रतिबद्ध है. राहुल गांधी ने गत 27 दिसंबर को ट्विटर को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष अभिव्यक्ति पर अंकुश लगाने में उसकी ‘अनभिज्ञ संलिप्तता’ है और अपने ट्विटर अकाउंट के फॉलोवर को ‘घटाने’ को लेकर चिंता जताई थी.
इस पूरे मामले पर ट्विटर ने कहा कि राहुल गांधी के अकाउंट के फॉलोवर की संख्या ‘सार्थक और उचित’ है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस पर टिप्पणी करते हुए कि लोकतंत्र और सोशल मीडिया मंचों का सरकार द्वारा दमन नहीं किया जा सकता तथा यहां स्वस्थ्य बहस और चर्चा होनी चाहिए.
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा कि ट्विटर को एक ऐसा मंच होना चाहिए जहां विरोध, असहमति और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए पूरा स्थान हो. उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि ट्विटर ने यह कहा है. इससे हमारे रुख की पूरी तरह से पुष्टि हुई है। राहुल गांधी ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को लिखे पत्र में कहा था, ‘‘मैं आपको एक अरब से अधिक भारतीय नागरिकों की ओर से पत्र लिख रहा हूं कि ट्विटर को भारत के विचार को नष्ट करने में मोहरा नहीं बनने दिया जाए.
ट्विटर की उपाध्यक्ष (वैश्विक लोक नीति) सिनैड मैकस्वीनी ने कहा, ‘‘ट्विटर भारत को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करेगा कि सार्वजनिक संवाद स्वस्थ हो, लोगों को बेहतर ढंग से सूचना मिले और संवाद में सुरक्षित और सहज रूप से शामिल हों।” ट्विटर ने इस बात का भी उल्लेख किया कि वह राजनीतिक सामाग्रियों को मनमाने ढंग से सेंसर नहीं करता तथा राजनीतिक बहस एवं खुले विमर्श के स्तर को ऊंचा करना उसकी सेवाओं का आधार और बुनियादी मूल्य हैं. हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि ट्विटर अपनी भूमिका को बहुत ही गंभीरता के साथ सेवा प्रदान करने वाले मंच के तौर पर देखता है तथा हम भारत को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.