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Republic Day 2022: संविधान की मूल प्रति विशेष विमान से आयी थी पटना, चाहिए था इस सदस्य का हस्ताक्षर

डॉ सचिदानन्द सिन्हा संविधान निर्माण सभा के अस्थायी अध्यक्ष बनाये गये थे. उसके बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद अध्यक्ष चुने गये.

पटना यह भारत के इतिहास की महान घटना है, जिससे बिहार की गरिमा स्थापित होती दिखती है. संविधान की मूल प्रति पर डाॅ सचिदानंद सिन्हा से हस्ताक्षर करवाने के लिए विशेष दूत को चार्टर्ड प्लेन से पटना भेजा गया था.

पहले अध्यक्ष थे सच्चिदा बाबू 

काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान के पूर्व नि‍देशक चि‍तरंजन प्रसाद सिन्हा बताते हैं, डॉ सचिदानन्द सिन्हा संविधान निर्माण सभा के अस्थायी अध्यक्ष बनाये गये थे. उसके बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद अध्यक्ष चुने गये.

बीमार थे सच्चिदानंद सिन्हा 

संविधान तैयार होने के पर सभी सदस्यों का हस्ताक्षर लेना था. सिन्हा साहब बीमार थे. अतः संविधान सभा के विशेष अधिकारी आर स्वामीनाथन को सिन्हा साहब का हस्ताक्षर प्राप्त करने के लिए संविधान की मूल प्रति के साथ चार्टर्ड वि‍मान से पटना भेजा गया.

14 फरवरी को आये थे राजेंद्र बाबू 

पटना स्थित आवास पर डॉ सचिदानन्द सिन्हा ने डॉ राजेंद्र प्रसाद की मौजूदगी में 14 फरवरी, 1950 को अपना हस्ताक्षर किया. उनका आवास आजकल बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का कार्यालय है.

सिन्हा ने कही थी ये बात

डॉ सिन्हा ने उस समारोह में कहा था- ‘यह बिहार के इतिहास का एक महान घटनाक्रम माना जायेगा. बिहार में पैदा और पढ़े हुए व्यक्ति की अध्यक्षता (मेरे) में संविधान सभा का काम दिल्ली में शुरू हुआ.

किताब में है उल्लेख

अब इसका समापन भी बिहार में जन्म और यहीं पढ़े लिखे व्यक्ति (राजेंद्र प्रसाद ) के हाथों हुआ.’डॉ सिन्हा का यह व्यक्तव्य हाल ही में प्रकाशित ‘नेशनल आइकॉन ऑफ मॉर्डन इंडिया’ से लिया गया है. इसके लेखक पटना विवि में इतिहास विभाग के अवकाश प्राप्त प्रो युवराज देव प्रसाद है

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