दिल्ली से आतंकी संगठन हमास के खाते में क्रिप्टोकरेंसी भेजे गये. इजराइल की दी गयी लीड पर दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच में कई अहम जानकारियां पायी है. दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया है कि साइबर फ्रॉड का बड़ा रैक्ट क्रिप्टोकरेंसी के जरिये आतंकी संगठन हमास की एक विंग को पैसे ट्रासफर कर रहा था यह पैसे हमास के एक विंग अल-क़सम ब्रिगेड के खाते में जा रहे थे. इस मामले में दिल्ली पुलिस के डीसीपी केपीएस मलहोत्रा ने कहा, हमने एक फ़िलिस्तीनी और मिस्र के संदिग्ध व्यक्ति की पहचान की है. हम इस मामले की जांच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद माध्यम से कर रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी की पूरी वैल्यू 4.5 करोड़ रुपये है.
दिल्ली के पश्चिम विहार के एक बिजनेसमैन के अकाउंट को हैक कर उनके खाते के क्रिप्टोकरेंसी कोट्रांसफर करने का मामला सामने आया . इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद (Israel Agency Mossad)की लीड के बाद भारतीय एजेंसियों ने इस चोरी की परतों को खोला है. दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने मामले की प्राथमिकता के आधार पर जांच करने को कहा था. इस मामले की कई एंगल से जांच की जा रही है. इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑप्स यूनिट के भीतर डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया.
इस मामले के सामने आने के बाद खुफिया एंजेंसी भी एक्टिव मोड पर हैं. इस टेरर फंडिग के माध्यम से वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने में मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस संबध में अभी भी जांच चल रही है. कई लोगों से पूछताछ की जा रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई जांच एजेंसियों के साथ मिलकर इस मामले की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है.
आतंकवादी संगठन हमास को यूरोपीय यूनियन की तरफ से ब्लैक लिस्ट किया गया है. क्रिप्टोकरेंसी के आने से इन तक पैसे पहुंचाने और आतंकवाद को फंडिंग करने के कई माध्यम खुल गये हैं 2019 की शुरुआत में, अल-कसम ब्रिगेड्स ने अपने सोशल मीडिया पेज को पूरी तरह से अपने आतंकी अभियान को फंड देने के लिए बिटकॉइन डोनेशन की मांग कर दी थी. इसी वक्त यह संकेत मिलने लगे थे कि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से आंतकी संगठन खुद को मजबूत करने में लगा है.