रांची : नयी शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके लिए एनसीइआरटी द्वारा सभी राज्यों को पत्र लिखा गया है. पाठ्यक्रम तैयार करने के पूर्व राज्य स्तर पर राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार की जायेगी. एनसीइआरटी के पत्र के आलोक में झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है.
पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद द्वारा नयी शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत राज्यस्तरीय चार पाठ्यचर्या की जायेगी. सभी राज्यों को पाठ्यचर्या में अपने परिवेश के संदर्भ में तैयारी करने को कहा गया है. झारखंड में भी पाठ्यचर्या तैयार की जायेगी, जिससे कि पाठ्यक्रम में स्थानीय विषयों को शामिल किया जा सके. प्री स्कूलिंग, स्कूली शिक्षा, शिक्षकों के प्रशिक्षण एवं वयस्क शिक्षा को लेकर पाठ्यचर्या तैयार करने को कहा गया है.
पाठ्यचर्या तैयार करने के लिए सभी जिलों को 26 जनवरी तक जिला स्तरीय परामर्श समिति का गठन करने को भी कहा गया है. समिति द्वारा पाठ्यचर्या के कुल 70 प्रश्नों पर विचार-विमर्श किया जायेगा और रिपोर्ट तैयार की जायेगी. इसके लिए जिला स्तर पर नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं.
जिलास्तरीय समिति में कुल 25 सदस्य होंगे, इनमें पांच शिक्षक होंगे. शिक्षकों के चयन में राष्ट्रपति पुरस्कार या राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक को प्राथमिकता देने को कहा गया है. समिति में एक अभिभावक, विद्यालय प्रबंध समिति के चार सदस्य कॉलेज/विश्वविद्यालय के दो विद्यार्थी, उच्च विद्यालय के दो विद्यार्थी, आंगनबाड़ी कर्मी को भी शामिल करने को कहा गया है.
मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत अब तक 70 फीसदी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि दे दी गयी है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी जिलों को 31 जनवरी तक छात्रवृत्ति की राशि बच्चों के बैंक खाते में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत वैसे विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है, जिन्हें किसी दूसरी योजना से छात्रवृत्ति नहीं मिलती है. इसके तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 12वीं तक के सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिलती है.
राज्य में केंद्रीय विद्यालय के तर्ज पर संचालित मॉडल विद्यालय में नामांकन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. इस संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा सभी जिलों को पत्र भेजा गया है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा जिलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मॉडल विद्यालयों में अब तक प्रखंड स्तर के बच्चों को आवेदन जमा करने की अनुमति दी जाती थी.
अब जिला स्तर पर बच्चे नामांकन फार्म जमा कर सकेंगे. इसके अलावा नामांकन प्रवेश परीक्षा के बाद भी अगर किसी विद्यालय में सीट रिक्त रहता है तो विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चों का नामांकन लिया जा सकेगा. उल्लेखनीय है कि राज्य में केंद्रीय विद्यालय के तर्ज पर 89 मॉडल विद्यालय संचालित हैं. यहां नामांकन के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती है.
Posted by: Pritish Sahay