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DM-SSP के सामने भड़के आभूषण कारोबारी, बोले- पटना के थानेदार हमें दुधारू गाय समझते हैं

एसएसपी और डीएम के सामने व्यवसायियों ने साफ-साफ कहा कि शुक्रवार की घटना पटना पुलिस को खुली चुनौती है. पुलिस अपनी चुनौती स्वीकार करते हुए 24 घंटे के अंदर अपराधी को गिरफ्तार करें. अन्यथा हम यह समझेंगे कि यह घटना पुलिस और अपराधी के गठजोड़ का परिणाम है.

राजेश कुमार ओझा

पटना. स्वर्ण व्यवसायियों ने शनिवार को एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो और डीएम डॉक्टर चन्द्रशेख सिंह के सामने पटना के थानेदारों को कठघरे में खड़ा कर दिया. स्वर्ण व्यवसायियों ने दो टूक कहा कि थाना प्रभारी हमें सुरक्षा देने के बदले दुधारू गाय समझते हैं. शिकायत लेकर जाने पर हमारी समस्या कम हमसे वसूली ज्यादा करते हैं. स्वर्ण व्यवसायी राजधानी पटना के बाकंरगज स्थित SS ज्वेलर्स में शुक्रवार को हुई डकैती के बाद शनिवार को पटना जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में बोल रहे थे. एसएसपी और डीएम के सामने व्यवसायियों ने साफ-साफ कहा कि शुक्रवार की घटना पटना पुलिस को खुली चुनौती है. पुलिस अपनी चुनौती स्वीकार करते हुए 24 घंटे के अंदर अपराधी को गिरफ्तार करें. अन्यथा हम यह समझेंगे कि यह घटना पुलिस और अपराधी के गठजोड़ का परिणाम है. व्यवसायियों ने कहा कि पटना में अपराधियों का खौफ खत्म करना है तो इसके लिए उत्तर प्रदेश के तर्ज पर यहां भी अपराधियों का खात्मा करना होगा. पुलिस को उनका एनकाउंट करना होगा. वरना, हम पटना में कारोबार नहीं कर सकते. दरअसल, शुक्रवार को बाकरगंज में SS ज्वेलर्स में हुए 14 करोड़ से अधिक के सोना और 14 लाख रुपए की डकैती की वजह से पटना के स्वर्ण कारोबारियों में पुलिस-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश दिखा.

क्यों लेट से पहुंची पुलिस

स्वर्ण व्यवसायियों ने पटना के एसएसपी और डीएम से पूछा कि आखिर 45 मिनट देर से क्यों पहुंची पुलिस? थानेदार हों या पटना पुलिस के बड़े अफसर इस घटना पर किसी ने तुरंत रेस्पांस क्यों नहीं लिया. इस व्यवस्था में कारोबारी खुद को कैसे सुरक्षित मानेंगे? कारोबारियों को सुरक्षित एहसास कराने के लिए स्ट्रेटजी बनाकर आर्म्ड फोर्स की प्रतिनियुक्ति करनी चाहिए. उनके पास वाकी-टॉकी होनी चाहिए. व्यवस्था ऐसी हो कि इस तरह का कोई कांड होने पर 500 मीटर के अंदर ही उसकी घेराबंदी कर अपराधियों को पकड़ लिया जाए.

अगर आपको पिस्टल सटा दें अपराधी तो…

एक कारोबारी ने सीधे DM-SSP से कहा कि जब अपराधी हम पर पिस्टल तान देता है तो उस वक्त जो महसूस होता है, वो हमलोग ही जानते हैं. अगर वही अपराधी आप लोगों को पिस्टल सटा देगा तो आपलोगों का बॉडीगार्ड क्या करेगा? आपका बॉडीगार्ड जो काम करेगा वही काम हमें भी करने की अनुमति प्रसासन हमें भी दे. ताकि हम अपराधी का सीना गोलियों से छलनी कर सके. लेकिन, हमें यह अनुमति नहीं है. अपराधी गिरफ्तार होकर जेल जाता है तो वहीं से वो कॉल कर धमकाता है. कहता है कि तुमने मेरा नाम दिया, बाहर निकलने दो बताते हैं. ऐसे अपराधियों का एनकाउंटर होना जरूरी है. साथ ही खुद की सुरक्षा के लिए कारोबारियों को स्पेशल ट्रेनिंग के साथ-साथ आर्म्स लाइसेंस भी मिलना चाहिनए.

कंकड़बाग पुलिस निशाने पर रही

बैठक में सबसे ज्यादा कंकड़बाग और पत्रकारनगर थाना प्रभारी निशाने पर रहे.एसएसपी और डीएम के सामने कंकड़बाग थाना क्षेत्र से आए दो व्यवसायियों ने कहा कि मेरी दुकान में करीब एक साल पहले डकैती हुई थी. कंकबाग थाने की पुलिस ने एक साल में किसी को गिरफ्तार नहीं की है. पूछने पर ठीक से जवाब भी नहीं मिलता. बताते चलें कि दोनों दुकान से करीब 50 लाख के आभूषण की लूट हो चुकी है. शास्त्रीनगर, पटना सिटी, दानापुर, राजीव नगर समेत राजधानी पटना के विभिन्न क्षेत्र से आए हर स्वर्ण व्यवसायी ने दो टूक कहा कि घटना के बाद पटना के थानेदार हमारी मदद करने के बदले हमें दुधारू गाय समझते हैं. इसलिए अपनी शिकायत लेकर थाना में जाने पर भी अब डर लगता है.

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