सदर अस्पताल गुमला के स्वास्थ्यकर्मियों सहित अन्य कर्मचारी अपनी मनमर्जी से डयूटी करते हैं. देर से कार्यालय आते हैं और जल्दी घर भी चले जाते हैं. जिससे अस्पताल के कामकाज पर असर पड़ रहा है. अस्पताल के डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने इसे गंभीरता से लिया है. उन्होंने कर्मियों की लापरवाही को देखते हुए 52 कर्मियों का हाजिरी काट दी. साथ ही सभी का वेतन रोक दिया. स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.
स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. डीएस ने शुक्रवार को अस्पताल के सभी कर्मियों की डयूटी की जांच की. इसके बाद रजिस्टर की जांच में पाया कि कई कर्मी समय पर डयूटी नहीं आते हैं. हालांकि डीएस द्वारा हाजिरी काटने की सूचना मिलने पर कई कर्मी दौड़ते-दौड़ते अस्पताल पहुंचे. लेकिन उनके पहुंचने में काफी देर हो गयी थी. इस क्रम में डीएस ने 52 लोगों की उपस्थिति काट दी है.
जिसमें एंबुलेस चालक, रसोइयां, अस्पताल के कार्यालय कर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, प्लंबर, बिजली मिस्त्री है. वहीं डीएस ने प्रधान लिपिक को निर्देश दिया कि अनुपस्थित सभी कर्मियों से स्पष्टीकरण 24 घंटे के अंदर देने के लिए कहा है. साथ ही अनुपस्थित कर्मियों का अगले आदेश तक वेतन बंद करने का निर्देश दिया है. डीएस ने जिन कर्मियों की उपस्थिति काटी है. उसमें से अधिकांश कर्मी सदर अस्पताल परिसर में रहते हैं.
लेकिन कभी भी समय पर कार्यालय नहीं आते हैं. वहीं कई ऐसे कर्मी है, जो दिन रात वहीं हैं. लेकिन उपस्थिति रजिस्टर में अपनी मनमर्जी समय में आकर हाजिरी बनाते हैं. जिसे दुरुस्त करने के लिए व व्यवस्था में सुधार करने के लिए डीएस ने उनकी उपस्थिति काट कर स्पष्टीकरण की मांग करते हुए वेतन अवरुद्ध किया है. इस संबंध में डीएस डॉक्टर आनंद किशोर उरांव ने कहा कि हम सभी सरकारी व अनुबंधकर्मी हैं. अस्पताल एक ऐसी जगह है. जहां कभी भी इमरजेंसी हो सकती है. आप अगर नौकरी करते हैं, तो ईमानदारी से कार्य करें. समय के साथ अपनी डयूटी निभायें. अन्यथा ऐसे कर्मी की हमें कोई आवश्यकता नहीं है, जो अपनी डयूटी को ईमानदारी पूर्वक नहीं निभाते हैं. सदर अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए आप सभी कर्मी ईमानदारी पूर्वक सहयोग करें. कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.