पटना जिले में कोरोना की तीसरी लहर का असर कमजोर दिखने लगा है. अब जितने मरीज मिल रहे हैं, उससे अधिक ठीक होने वाले मरीजों की संख्या दर्ज की जा रही है. 24 घंटे के अंदर पटना जिले में कोरोना के 697 नये मरीज मिले हैं. इसकी तुलना में 1573 लोग पूरी तरह से ठीक हुए हैं. जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 7780 से घटकर अब 6207 हो गयी है. कुल एक्टिव मरीजों में 99 प्रतिशत मरीज घर पर होम आइसोलेशन में अपना इलाज करा रहे हैं. इसके अलावा कुल 174 कोविड मरीजों का इलाज शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, पटना एम्स के अलावा अन्य प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है.
पहली और दूसरी लहर की अवधि की तुलना में तीसरी लहर अपेक्षाकृत छोटी है. दूसरी लहर में संक्रमण करीब 35 से 40 दिनों तक पीक पर था, लेकिन जिस तरीके से तीसरी लहर में केस घट रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि इसका पीक आ चुका है, जो करीब 20 दिन ही असरदार रहा. संक्रमण की दृष्टि से अब इसका ग्राफ ढलान पर है. हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान था कि यह फरवरी के पहले हफ्ते के बाद ही पीक तक पहुंचेगा. लेकिन वर्तमान आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि पीक टाइम हो चुका है, क्योंकि नये केस के मामले में अब कमी आ रही है. बीते एक हफ्ते में बिहार के पाॅजिटिविटी रेट में 1.37% और पटना में इसके रेट में 8.44% की कमी दर्ज की गयी है.
पटना एम्स में शुक्रवार को कोरोना से चार महिला मरीजों की मौत हो गयी. वहीं, 16 मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया. इसके अलावा 13 मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है. वहीं, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 50 साल के अनिल कुमार नाम के एक मरीज की मौत कोरोना से हो गयी.
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एम्स कोरोना नोडल आफिसर डॉ संजीव कुमार के मुताबिक, पटना एम्स में शुक्रवार को पटना की 30 वर्षीया संध्या कुमारी, झारखंड की 55 वर्षीया गीता देवी, गया की 35 वर्षीया बबिता देवी और नालंदा की 70 वर्षीया कांति देवी की मौत कोरोना से हो गयी. बुधवार को 13 नये कोरोना मरीजों को एम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया है.