बिहार बोर्ड (Bihar Board Exam) की इंटर और मैट्रिक परीक्षाओं की तिथि अब नजदीक होती जा रही है. कोरोना (Coronavirus) की तीसरी लहर के बीच संक्रमण से बचाव करते हुए परीक्षार्थियों का एग्जाम आयोजित कराना बोर्ड के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के लिए भी एक चुनौती बन चुका है. मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों को एग्जाम शुरू होने से पहले कोविड टीका लगाने के लिए जोर-शोर से प्रयास किया जा रहा है. वहीं किशोरों के टीकाकरण अभियान में रखा गया लक्ष्य अब एक चैलेंज बन चुका है.
बिहार में 26 जनवरी के पहले 83 लाख किशोर-किशोरियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा दी गयी है. अभिभावकों को जागरुक भी किया जा रहा है. लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अभी इस लक्ष्य को हासिल करना एक चैलेंज बना हुआ है. 6 से 7 दिनों के अंदर में करीब 52 लाख को टीकाकरण अभी भी बांकी है.
गौरतलब है कि देश के साथ ही बिहार में भी तीन जनवरी से 15-18 वर्ष के लोगों टीकाकरण आरंभ किया गया है. बिहार में स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग साथ मिलकर इसके लिए टीकाकरण अभियान चला रहा है. अभियान के तहत स्कूलों में वैक्सीनेशन की व्यवस्था की गयी है. स्कूलों के शिक्षकों को नोडल पदाधिकारी बनाया गया. बिहार में मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को कोरोना का टीका लेना अनिवार्य किया गया है. प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान भी टीका दिया गया है.
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विभाग ने 26 जनवरी के पहले शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है. समय कम बचा है, जबकि टीका का लक्ष्य अभी अधिक है. ऐसे में प्रतिदिन औसतन नौ से 10 लाख डोज देने पर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. बता दें कि बिहार बोर्ड 1 फरवरी से इंटर की परीक्षा व 17 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है.
Posted By: Thakur Shaktilochan