17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand news: गुमला के सदर हॉस्पिटल में सिटी स्कैन की सुविधा नहीं, मरीजों को जाना पड़ता है रांची

jharkhand news: गुमला के सदर हॉस्पिटल में सिटी स्कैन की सुविधा नहीं होने से यहां के मरीजों को काफी परेशानी होती है. सिटी स्कैन के लिए रांची जाने को मजबूर होना पड़ता है. इसके बावजदू अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गयी है.

Jharkhand news: जनजातीय बहुल गुमला जिले की आबादी 12 लाख है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी में गुमला के सदर हॉस्पिटल में सिटी स्कैन की सुविधा नहीं है. मजबूरी में मरीजों को सिटी स्कैन से जांच कराने के लिए रांची जाना पड़ता है. सदर हॉस्पिटल के डॉक्टर भी मरीजों को सिटी स्कैन कराने का पुर्जा लिखते हैं और ऐसे मरीजों को सीधे रिम्स रांची रेफर कर दिया लाता है.

चाहा गांव के विलियम मिंज ने कहा कि गुमला जिले में आये दिन सड़क हादसे होते हैं. मरीज हर दिन सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं. हादसे के बाद सिर में चोट, हाथ पैर टूटने, अंदरूनी चोट के मरीजों की संख्या हर दिन पांच से 10 रहती है. इन मरीजों को सिटी स्कैन व एमआरआइ स्कैन मशीन की जरूरत है. लेकिन, गुमला सदर हॉस्पिटल में ये सुविधा नहीं रहने से मरीजों को रांची रेफर कर दिया जाता है.

गुमला में सिटी स्कैन मशीन की जरूरत है : डीएस

गुमला सदर हॉस्पिटल के उपाधीक्षक डॉ आनंद किशोर उरांव ने कहा कि अगर हॉस्पिटल में सिटी स्कैन सेवा शुरू होती, तो चिकित्सकों को काफी सुविधा मिलेगी. इससे अधिक सुविधा मरीजों के परिजनों को मिलती है. अगर कोई एक्सीडेंटल मरीज आता है, तो उसके सिर के अंदर की इंजुरी को देखने में मदद मिलती. वहीं, अगर चिकित्सक को लगता कि इसका इलाज सदर हॉस्पिटल में नहीं हो सकेगा. तभी रेफर किया जाता.

Also Read: नौवीं कक्षा की छात्रा से गुमला के डुमरी में 6 युवकों ने किया सामूहिक दुष्कर्म, 5 आरोपी गिरफ्तार

लेकिन, सिटी स्कैन नहीं होने से ब्रेन इंजूरी के अधिकांश मरीजों को रिम्स रेफर किया जाता है. अगर किसी मरीज के सिर का ऑपरेशन करना है, तो उसकी भी आसानी से जांच की जा सकती थी. लेकिन, वर्तमान में सदर हॉस्पिटल के पास रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक नहीं है. अगर सिटी स्कैन की मशीन स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहैया करायी जाती, तो स्वास्थ्य विभाग रांची से पत्राचार कर रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक की मांग की जाती.

पांच साल से अल्ट्रासाउंड सेवा ठप है

डीएस डॉ एके उरांव ने बताया कि सदर हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड सेवा भी पांच वर्ष से ठप है. वर्तमान में सदर हॉस्पिटल में सरकार से एमओयू लिये कंपनी हेल्थ मैप द्वारा अल्ट्रासाउंड सेवा दी जा रही है. सदर हॉस्पिटल में लगा पूर्व की मशीन रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक के स्थानांतरण के बाद चूहों द्वारा तार कुतरने से उसे इंजीनियरों ने कंडम घोषित कर दिया था.

सदर हॉस्पिटल में एक रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक डॉ अलंकार की प्रतिनियुक्ति होने पर सीएस को पत्राचार कर अविलंब स्वास्थ्य विभाग से अल्ट्रासाउंड मशीन मुहैया कराने की मांग की थी. लेकिन, कोई पहल नहीं होने से यह सेवा भी ठप है. वहीं, चिकित्सक डॉ अलंकार का भी ट्रांसफर हो गया. जिसके कारण अल्ट्रासाउंड के निजी संचालक चांदी काट रहे हैं.

Also Read: टीकाकरण में गुमला चौथे नंबर पर, प्रत्येक दिन कोरोना के मिल रहे हैं 60 संक्रमित
अल्ट्रासाउंड व डिजिटल एक्स-रे की मांग की गयी है : सीएस

गुमला के सिविल सर्जन डॉ राजू कच्छप ने कहा कि पूर्व की सीएस डॉ विजया भेंगरा द्वारा अल्ट्रासाउंड व डिजिटल एक्स-रे मशीन की मांग स्वास्थ्य विभाग रांची से पत्राचार कर की गयी थी. लेकिन, अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आने के कारण मामला अधर में है. वहीं, सिटी स्कैन के संबंध में कहा कि अभी तक सिटी स्कैन की मांग सदर अस्पताल के डीएस द्वारा नहीं की गयी है. जिसके कारण उसकी डिमांड स्वास्थ्य विभाग रांची से नहीं की गयी है.

रिपोर्ट : जॉली विश्वकर्मा, गुमला.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें