Cabinet Decisions: भारत सरकार ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (Indian Renewable Energy Development Agency Limited) में 1500 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है. इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी. साथ ही 10,200 रोजगार वर्ष का सृजन भी होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को यह फैसला लिया गया. इसके अतिरिक्त कई और फैसलों को भी मंजूरी दी गयी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. कैबिनेट के फैसलों के बारे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि IREDA में 1,500 करोड़ रुपये का निवेश होगा, तो भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 12,000 करोड़ रुपये का लोन देने में सक्षम हो जायेगी.
The Union Cabinet has approved infusion of Rs 1,500 crores in Indian Renewable Energy Development Agency Limited (IREDA). This will enable IREDA to lend Rs 12,000 crores to the renewable energy sector: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/CnJlvVm09D
— ANI (@ANI) January 19, 2022
मंत्रिमंडल के इस निर्णय से इरेडा को 3,500 से 4,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता सृजित करने में मदद मिलेगी. IREDA में भारत सरकार के पैसा डालने के बाद इस संस्था अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक खर्च कर पायेगी. इसकी वजह से करीब 10,200 कार्य वर्ष का सृजन हो पायेगा. इतना ही नहीं, इस फैसले से बड़े पैमाने पर कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आयेगी.
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केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले की वजह से भारत में हर साल करीब 74.9 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी. मोदी सरकार के इस फैसले को जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. पीएम मोदी विश्व मंच पर अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने की बात करते हैं.
केंद्रीय कैबिनेट ने सफाई कर्मचारियों के लिए बने राष्ट्रीय आयोग का कार्यकालभी तीन साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि सभी कर्मचारियों के लिे बने राष्ट्रीय आयोग का कार्यकाल 31 मार्च 2022 के बाद तीन साल के लिए बढ़ाया गया है. यानी अब उनका कार्यकाल 31 मार्च 2025 तक होगा.
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इतना ही नहीं, केंद्रीय कैबिनेट ने लोन लेने वालों को भी बड़ी राहत दी है. लोन लेने वालों के खाते में चक्रवृद्धि ब्याज और सामान्य ब्याज के अंतर के बराबर मुआवजा अगले 6 महीने तक डालने के फैसले को भी केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. कोरोना संकट के दौरान मोदी सरकार ने इसकी शुरुआत की थी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 973.74 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि के भुगतान को मंजूरी दी है, जो निर्दिष्ट ऋण खातों (1.3.2020 से 31.8.2020) में लोन लेने वालों को 6 महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना के तहत ऋण देने वाले संस्थानों (एलआई) द्वारा प्रस्तुत शेष दावों से संबंधित है.
यह योजना संकटग्रस्त/कमजोर श्रेणी के लोन लेने वालों को छह महीने की ऋणस्थगन अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर का अनुग्रह भुगतान देकर, छोटे उधारकर्ताओं को महामारी के कारण पैदा हुए संकट को सहन करने में और अपने पैरों पर फिर से खड़े होने में समान रूप से मदद करेगी, भले ही उधारकर्ता ने ऋणस्थगन का लाभ उठाया हो अथवा नहीं.
Posted By: Mithilesh Jha