Jharkhand news: लातेहार शहर के मिट्टी शिल्पकार (मूर्तिकार) लगातार दूसरे साल कोरोना की मार झेल रहे हैं. सरकार ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए सेमी लॉकडाउन को आगामी 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है. सेमी लॉकडाउन में सभी स्कूल, शैक्षणिक संस्थान व कोचिंग सेंटरों को बंद करने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा बनानेवाले मूर्तिकार काफी परेशान हैं. सरस्वती पूजा अधिकांशत: स्कूल समेत शिक्षण संस्थानों में मनायी जाती है, लेकिन इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण को लेकर स्कूल और काॅलेज बंद हैं. शिक्षण संस्थान बंद होने से सरस्वती पूजा भी कम होगी, जिसका सीधा असर मूर्तिकारों पर पड़ेगा.
वैष्णव दुर्गा मंदिर रोड में प्रतिमा बनाने वाले मिट्टी शिल्पकार रणधीर प्रजापति ने बताया कि पांच फरवरी को बसंत पंचमी है. उन्होंने इसको लेकर दिसंबर माह से ही प्रतिमाओं का बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रसार से सरकार ने स्कूल और काॅलेजों को बंद करने का निर्देश दिया है. ऐसे में इस साल भी मां सरस्वती की प्रतिमाओं की डिमांड काफी कम है. कहा कि स्कूल और काॅलेज खुले रहते हैं, तो प्रतिमाओं की डिमांड अधिक होती है.
उन्होंने बताया कि बीते वर्ष भी कोरोना की मार से सरस्वती पूजा में प्रतिमाओं की बिक्री काफी कम हुई थी. उन्होंने बताया कि कोरोना से पहले वे मां सरस्वती की तकरीबन 150 प्रतिमाएं बनाते थे, लेकिन इस वर्ष 50 प्रतिमाएं भी नहीं बन रही है. कुछ पूजा संघों का ही आर्डर अभी तक मिल पाया है.
गुरुद्वारा रोड में प्रतिमा बनाने वाले अखिलेश प्रजापति व दिनेश प्रजापति ने कहा कि इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के कारण प्रतिमाओं की डिमांड कम है. स्कूल व काॅलेज खुले रहते थे, तो इसकी मांग अधिक रहती थी. लेकिन वर्तमान समय में स्कूल व काॅलेज बंद हैं. ऐसे में प्रतिमाओं की डिमांड काफी कम है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में प्रतिमाओं की कीमत भी कम हो गयी है.
शहर के बाजार स्थित राजकीय मध्य विद्यालय के प्रधान शिक्षक अमेरिका प्रसाद ने बताया कि सेमी लॉकडाउन के कारण आगामी 31 जनवरी तक विद्यालय बंद हैं. ऐसे में अभी तक सरस्वती पूजा करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. विद्यालय खुले रहने पर छात्र-छात्राएं उत्साह से पूजा करते हैं. लेकिन, इस वर्ष पूजा होने के आसार कम हैं, जिससे प्रतिमा का आर्डर तक नहीं दिया गया है.
रिपोर्ट : आशीष टैगोर, लातेहार.