देहरादून/नई दिल्ली : उत्तराखंड भाजपा से अगले छह साल के लिए निष्कासित पुष्कर सिंह धामी सरकार के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल होने से पहले ही पार्टी में विरोध शुरू हो गया है. हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल किए जाने को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पहले ही कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. इसके साथ ही, उत्तराखंड कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया था. अब राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भी हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल किए जाने के मसले पर आलाकमान को 2016 की घटना को याद दिलाया है.
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मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि जो लोग आज हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल करने की सिफारिश कर रहे हैं, वे शायद वह वर्ष 2016 की घटना को भूल गए, जब षडयंत्र के तहत लोकतंत्र की हत्या की गई थी. उन्होंने कहा कि साजिश में शामिल रहे डॉ हरक सिंह रावत ने पांच साल तक सरकार में रहकर कभी भी भाजपा की गलत नीतियों की आलोचना नहीं की, लेकिन अब जबकि पार्टी ने उन्हें निकाल दिया है, तब उन्हें फिर कांग्रेस याद आ रही है. वह जानते हैं कि इस बार राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. इसलिए कांग्रेस पार्टी का रुख करना चाहते हैं. हम जनता को क्या जवाब देंगे.
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल करने के संदर्भ में फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है. हालांकि, पार्टी नेताओं के बीच इस विषय पर बातचीत का दौर निरंतर चल रहा है. पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस पक्ष में नहीं हैं कि हरक सिंह रावत को उनकी शर्तों के आधार पर पार्टी में लिया जाए. हरक सिंह रावत को रविवार को उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी की सरकार से बर्खास्त करने के साथ ही भाजपा से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने यहां पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक से इतर हरक सिंह रावत के मुद्दे पर लंबी मंत्रणा की और पूर्व मंत्री को पार्टी में वापस लेने से होने वाले नफे-नुकसान पर मंथन किया.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा से निष्कासित पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल नहीं किए जाने के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अहम वजह माना जा रहा है. रिपोर्ट में इस बात की चर्चा की गई है कि हरीश रावत ने व्यक्तिगत तौर पर उन्हें (हरक सिंह रावत) को बहुत पहले माफ कर चुके हैं, लेकिन यह मामला व्यक्तिगत नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मीडिया से कहा कि उन्हें घाव लगा है, इसलिए हो सकता है, वह निष्पक्ष होकर निर्णय नहीं ले पाएं, लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, वह उसके साथ होंगे.
खबर यह भी है कि भाजपा से निष्कासित हरक सिंह रावत का कांग्रेस में निचले स्तर पर भी विरोध हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश जोशी की कांग्रेस भवन में मौजूदगी के दौरान रायपुर विधानसभा क्षेत्र के कुछ कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्यालय भवन में हरक सिंह रावत के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया.
बताया जा रहा है कि प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता दो माह पूर्व ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए महेंद्र नेगी गुरुजी के समर्थक थे. महेंद्र नेगी रायपुर से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. उधर, हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने के पहले से ही रायपुर सीट से दावेदारी पेश कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के कार्यकर्ता उन्हें पार्टी में शामिल करने से पहले ही अपना विरोध जता देना चाहते हैं.