Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सातवीं से 10वीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के पीटी के रिजल्ट को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रार्थी और झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का पक्ष सुना. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. अब अदालत 25 जनवरी को अपना फैसला सुनाएगी.
अधिवक्ता राजेश कुमार ने विडियो कांफ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए झारखंड हाईकोर्ट की अदालत को बताया कि जेपीएससी ने पीटी का जो मॉडल आंसर जारी किया था, उसमें आठ प्रश्नों का उत्तर गलत है. एक्सपर्ट कमेटी बनाकर जेपीएससी के मॉडल आंसर की समीक्षा की जानी चाहिए. साथ ही अधिवक्ता ने पीटी के रिजल्ट को निरस्त कर एक्सपर्ट कमिटी की समीक्षा के बाद फ्रेश रिजल्ट जारी करने के लिए उचित आदेश देने का आग्रह किया.
जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल, अधिवक्ता प्रिंस कुमार और राकेश रंजन ने प्रार्थी की दलील का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न आदेशों का हवाला दिया. उन्होंने अदालत को बताया कि यदि किसी प्रश्न का उत्तर गलत है, तो वह सिर्फ एक के लिए नहीं होगा, बल्कि वह सभी के लिए समान होगा. इस आधार पर परीक्षा को रोका जाना उचित नहीं होगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शेखर सुमन ने याचिका दायर कर 8 प्रश्नों के मॉडल उत्तर को गलत बताते हुए पीटी रिजल्ट को रद्द करने की मांग की है. अदालत ने किसी प्रकार के अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए मामले में फैसला सुनाने के लिए 25 जनवरी की तिथि निर्धारित की.
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रिपोर्ट: राणा प्रताप