पूर्व भाजपा नेता हरक सिंह रावत के कांग्रेस का दामन थामने को लेकर कुछ अडचनें आ रहीं हैं. इस बीच हरक सिंह रावत ने अपने पूर्व साथी हरीश रावत को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मेरी आज सुबह बातचीत हुई है हरीश रावत आगे बताएंगे कि क्या होगा…वे मेरे बड़े भाई हैं, मैं अपने बड़े भाई से 100 बार भी माफी मांग सकता हूं…कांग्रेस पार्टी का अपना निर्णय है. 2016 में परिस्थितियां अलग थीं.
आपको बता दें कि पूर्व भाजपा नेता हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने कर खबर को लेकर सोमवार को हरिश रावत ने अपनी राय रखी थी. उत्तराखंड चुनाव के पहले उन्होंने कहा था कि पार्टी मामले को लेकर विचार कर रही है. आपको बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल करने के संदर्भ में फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है, हालांकि पार्टी नेताओं के बीच इस विषय पर बातचीत का दौर निरंतर चल रहा है.
He (Congress leader Harish Rawat) is my elder brother. I can apologise to him a hundred times. I want development of Uttarakhand: expelled Uttarakhand BJP Minister Harak Singh Rawat https://t.co/LgsufDgMyv pic.twitter.com/dqshFaZa1S
— ANI (@ANI) January 18, 2022
पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस पक्ष में नहीं हैं कि हरक सिंह रावत को उनकी शर्तों के आधार पर पार्टी में लिया जाए. गौर हो कि हरक सिंह रावत को रविवार को उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी की सरकार से बर्खास्त करने के साथ ही भाजपा से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने यहां पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक से इतर हरक सिंह रावत के मुद्दे पर लंबी मंत्रणा की और पूर्व मंत्री को पार्टी में वापस लेने से होने वाले नफे-नुकसान पर मंथन किया.
कांग्रेस के एक सूत्र ने बताया कि सोमवार को उम्मीद थी कि इस मुद्दे पर कोई न कोई फैसला हो जाएगा, लेकिन नेताओं ने आगे इस पर विचार-विमर्श जारी रखने का फैसला किया. सभी ने इस बात पर सहमति जताई की आलाकमान का कोई भी निर्णय सबको मान्य होगा. सूत्रों ने यह भी कहा कि हरीश रावत, हरक सिंह रावत को उनकी शर्तों के आधार पर पार्टी में लेने पर सहमत नहीं हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने 2016 में हरक सिंह रावत और कई अन्य नेताओं की बगावत का हवाला देते हुए कहा है कि इन लोगों ने उत्तराखंड और लोकतंत्र के साथ धोखा किया था. साथ ही, उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी जो भी फैसला करेंगे, उसे वह और पार्टी के सभी नेता एवं कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे.
पौड़ी गढ़वाल जिले की कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक हरक सिंह रावत पहले कई वर्षों तक कांग्रेस में थे. पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बगावत कर दी थी जिससे तत्कालीन हरीश रावत सरकार संकट में आ गई थी. फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar