रांची : राज्य के चार लाख से अधिक चापानल, पेयजल विभाग की जलापूर्ति योजनाओं व जलस्रोतों की सेटेलाइट से मैपिंग का काम फरवरी माह से शुरू होगा. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने इसे लेकर दिसंबर में रांची पश्चिमी व रामगढ़ जिले में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इस माह के अंदर प्रोजेक्ट पूरा हो जायेगा. इसके बाद राज्य के सभी जिलों में सेटेलाइट मैपिंग का काम शुरू होगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सेटेलाइट से राज्य के चार लाख चापानल के साथ-साथ पेयजलापूर्ति योजना व जलस्रोतों को जोड़ इसकी मॉनिटरिंग करने की योजना है. झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर व पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहयोग से ऐप तैयार किया गया है. ऐप में प्रदेश भर के सभी चापानल का विवरण अपलोड किया जायेगा. एक क्लिक में हैंडपंप की पूरी जानकारी मिलेगी. इसकी मॉनिटरिंग जीआइएस स्पेशलिस्ट करेंगे.
प्रदेश में जल सहिया के सहयोग से एक-एक हैंडपंप का सर्वे कराया जायेगा. जल सहिया अपनी रिपोर्ट में बतायेंगी कि हैंडपंप किस योजना के तहत लगाया गया है, हैंडपंप की गहराई क्या है और मरम्मत कब-कब हुई. हैंडपंप सिंगल विलेज स्कीम का है या मल्टीविलेज स्कीम का. पूरी जानकारी ऐप पर अपलोड होगी. पेयजल विभाग के सभी प्रमंडल अपने अधीन आनेवाले एक-एक चापानल का रिकॉर्ड ऐप में अपलोड करेंगे. इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग जीआइएस स्पेशलिस्ट रांची स्थित प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट भवन से किया जायेगा.
Posted By: Sameer Oraon