पटना. सोमवार को हिमालय में हो रही बर्फबारी का सीधा असर सोमवार को बिहार ने महसूस किया गया. दरअसल सोमवार से बर्फीली हवा की वजह से कड़ाके की ठंड शुरू हो गयी. इस सीजन में दांत कटकटाने वाली यह पहली ठंड रही. हाथ-पांव में गलन और पूरे शरीर में कनकनी मानों पूरे शरीर में समा सी गयी. धूप भी बेअसर सी दिखी. पुराने जमाने में पूस के दिन और रात की कहावतें शुरू हा गयीं. शरीर में ठंड कुछ इस कदर चिपट रही थी कि हर किसी को घर के अंदर रजाई और घर के बाहर अलाव की जरूरत महसूस की गयी. इस तरह की बर्फीली ठंड से छुटकारा अभी दो दिन और नहीं मिलने वाला है.
दरअसल बर्फीली हवाओं के प्रभाव से प्रदेश का अधिकतम तापमान सामान्य से दो पांच डिग्री नीचे आ गया है. न्यूनतम तापमान भी सामान्य रहा अथवा इससे नीचे. अगले दो दिन पूरे प्रदेश में उत्तर-पश्चिम और दक्षिणी क्षेत्र में कई जगह शीत दिवस बनने का पूर्वानुमान जारी किया गया है. प्रदेश में उत्तरी-पछुआ हवा पांच से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली. इसकी वजह से पारा काफी नीचे आ गया. पिछले 24 घंटे में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी है. प्रदेश में दिन और रात के तापमान में तेजी से अंतर देखा जाने लगा. दो जिलों को छोड़कर सभी जिलों में उच्चतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया.
प्रदेश में सर्वाधिक तापमान फॉर्बिसगंज में 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. सबसे कम न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस औरंगाबाद और कटिहार में सामान रूप से रहा. इस तरह पश्चिमी विक्षोभ का असर पश्चिमी बिहार से पूर्वी बिहार तक पहुंच गया है. पटना, गया और भागलपुर में अधिकतम पारा सामान्य से पांच डिग्री और पूर्वी सेंटर पूर्णिया में यह पारा सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है. अगले 48 घंटे में उच्चतम और न्यूनतम तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस और नीचे जा सकता है. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में औसत न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है.
पछुआ हवा के तेज बहने से कनकनी बढ़ गयी है.सुबह व शाम में कनकनी से लोग परेशान रहे. दोपहर में धूप निकलने पर भी लोग ठिठुरते रहे. सोमवार को सुबह में कुहासा रहा. लेकिन मौसम साफ होने से सुबह में धूप निकला. धूप निकलने के बावजूद लोगों को पूरे गर्म कपड़े के साथ बाहर बैठना पड़ा. दोपहर में भी कमोबेश यही स्थिति रही.पछुआ हवा के चलने से बढ़ी कनकनी को लेकर दोपहर में धूप का असर नहीं रहा. दोपर में भी सड़क किनारे लोग अलाव के पास बैठे रहे. शाम में कनकनी फिर बढ़ गयी. पछुआ हवा के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट हो रही है. इसका प्रभाव बढ़ता जा रहा है. मौसम विभाग के अनुसार पछुआ हवा की रफ्तार आठ से 10 किलोमीटर प्रति घंटे है. इससे कनकनी बढ़ी है.