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Budget 2022 : टैक्स फ्री फिक्स डिपोजिट की अवधि पांच साल से घटाकर तीन साल करने का प्रस्ताव

आईबीए ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि कर बचत के लिए बाजार में उपलब्ध अन्य वित्तीय उत्पादों (जैसे ईएलएसएस) की तुलना में एफडी कम आकर्षक हो गया है

Budget 2022 : बजट 2022 एक फरवरी को पेश किया जायेगा. यही वजह है कि बजट को लेकर एक्सपर्ट अपने सुझाव सरकार को दे रहे हैं. इसी क्रम में भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने सरकार को सौंपे गये बजट पूर्व प्रस्ताव में कहा है कि कर मुक्त एफडी की अवधि पांच साल से घटाकर तीन साल कर दिया जाना चाहिए.

आईबीए ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि कर बचत के लिए बाजार में उपलब्ध अन्य वित्तीय उत्पादों (जैसे ईएलएसएस) की तुलना में एफडी कम आकर्षक हो गया है और यदि लॉक-इन अवधि कम हो जाती है, तो इससे यह उत्पाद अधिक आकर्षक बन जायेगा तथा बैंकों को अधिक धनराशि भी मिल सकेगी.

एफडी के प्रति लोगों का आकर्षण कम हुआ है इसलिए बैंकों ने इक्विटी से जुड़ी बचत योजना (ईएलएसएस) जैसे म्यूचुअल फंड उत्पादों की तर्ज पर कर लाभ के लिए फिक्सड डिपोजिट की अवधि को घटाकर तीन साल करने का सुझाव दिया है.

ज्ञात हो कि अभी पांच साल की अवधि की एफडी योजनाओं पर कर लाभ मिलता है. कोई भी व्यक्ति पांच साल की एफडी योजना में धन निवेश करके आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत आयकर कटौती का दावा कर सकता है.

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सरकार के नियम अनुसार धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये की सीमा तक विभिन्न मदों में निवेश करके टैक्स पर छूट हासिल की जा सकती है.

आईबीए ने अपने प्रस्ताव में सरकार से कहा है कि फिक्सड डिपोजिट की लॉक-इन अवधि मौजूदा पांच साल से घटाकर तीन साल की जानी चाहिए. इसके अलावा बजट प्रस्ताव में बैंकों ने वित्तीय समावेश के लिए किए गए उपायों तथा डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने पर किए गए खर्च के लिए विशेष छूट की मांग भी की है.

बैंक चाहते हैं कि कर निर्धारण से संबंधित मामलों के तेजी से निपटारे के लिए एक विशेष विवाद समाधान प्रणाली की स्थापना की जाये, ताकि आम ग्राहकों को लाभ मिले.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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