पटना. बिहार में शराबबंदी को नीतीश कुमार विरोधियों के साथ-साथ अपनों से भी घिरते नज़र आ रहे हैं. राजद से अधिक तल्ख तेवर इसबार हम और भाजपा के दिख रहे हैं. शराबबंदी को लेकर भाजपा लगातार नीतीश कुमार को घेर रही है, पही हम सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मोरचा खोल दिया है. उन्होंने शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा करने की की बात कही है.
भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बार फिर जदयू पर हमला बोला है. उन्होंने नीतीश सरकार से नालंदा के बड़े अफसर को गिरफ्तार करने की मांग की है. जायसवाल ने जदयू नेताओं से पूछा कि क्या इन मृतक के परिजनों को जेल भेज देना चाहिए. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन की जिम्मेदारी तय हो. प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है.
वहीं इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. मांझी ने कहा कि ‘ना जाने क्यों नीतीश जी समझ नहीं पा रहे, शराबबंदी को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिए हैं. जब पीएम मोदी कृषि कानूनों को वापस ले सकते हैं तो शराबबंदी की समीक्षा क्यों नहीं हो सकती.’ इसलिए शराबबंदी की समीक्षा करना जरूरी है. नालंदा, गोपालगंज और कहां नहीं शराब से मौतें हो रही है. इस कानून को अब खत्म कर देना चाहिए.
राष्ट्रीय जनता दल के पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में जिस तरीके से जहरीली शराब से लगातार मौत हो रही है उसकी जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. शक्ति सिंह यादव ने कहा कि ”पिछले दिनों बिहार में जहरीली शराब से हुई कई मौतों के बाद भी नीतीश कुमार की आंखें नहीं खुली है. बिहार में शराबबंदी पूरी तरीके से ध्वस्त हो चुका है. मगर नीतीश कुमार मानने को तैयार नहीं है. नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.”
चिराग पासवान ने कहा कि नालंदा में शासन प्रशासन का तंत्र अगर मजबूत रहता है, तो कम से कम वहां ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को अभी चीजों को अंदाजा नहीं है. ये पीड़ित परिवार से मिलने नहीं जाते हैं. बड़े बड़े अधिकारी इसमें मिले हुए हैं, इस पर नीतीश कुमार कुछ नहीं बोलते. इसलिए जहरीली शराब से जो मौत होती है उसे मैं सीधे हत्या कहता हूं. बंद एयर कंडीशंड कमरे में बैठकर शपथ दिलाते हैं यह मौत नहीं हत्या है.
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी शराबबंदी को गलत कह चुका है. भाजपा भी कह रही है कि यह ढोंग है, बकवास है. पप्पू यादव ने सीएम नीतीश से अनुरोध किया कि नेताओं और अफसरों की जिम्मेदारी तय करिये. यहां जान सस्ती और शराब महंगी है. पप्पू यादव ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने की बात भी कही. जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शराबकांड पर कहा जब कृषि कानून बिल वापस हो सकता तो फिर शराबबंदी कानून क्यों नहीं.