मकर संक्रांति के मौके पर शनिवार को त्रिवेणी संगम समेत माघ मेले में बने 12 स्नान घाटों पर करीब 3 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया किया. ज्योतिषियों के अनुसार 14 जनवरी रात करीब 8:50 बजे से 15 जनवरी को दोपहर 12:50 बजे तक पुण्य काल था. जिसके चलते शनिवार को भी बड़ी संख्या में लोगों ने मकर संक्रांति मनाई और गंगा के एक दर्जन घाटों पर स्नान के बाद दान पुण्य किया.
त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने बंधवा स्थित लेटे हनुमान मंदिर पहुंच कर दर्शन, पूजन, आरती किया. शनिवार का दिन पड़ने के कारण, मंदिर में श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रही. माघ मेले क्षेत्र और मंदिर के बाहर दिनभर दान पुण्य चलता रहा. श्रद्धालु के आगमन को लेकर माघ मेले के 16 पॉइंट और आठ पार्किंग स्थलों पर थर्मल स्कैनिंग के बाद ही मेले में प्रवेश की अनुमति दी गई.
Also Read: Makar Sankranti पर दो लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डूबकी, कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियांमकर संक्रांति के स्नान के साथ ही माघ मेले की शुरुआत हो चुकी है. वहीं, 17 जनवरी पौष पूर्णिमा से कल्पवास शुरू हो जाएगा. कल्पवास के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु लगातार माघ मेले में पहुंच रहे है. गौरतलब है कि इसबार माघ मेले के शुरू होने से पहले लगातार सप्ताह भर हुई बारिश ने प्रशासन की समस्या बढ़ा दी थी, लेकिन अब मौसम साफ होने के बाद बड़ी संख्या में कल्पवास करने वाले अपने अपने पुरोहितों के शिविर में पहुंच रहे है.
Also Read: Makar Sankranti 2022: आस्था के आगे कोरोना संक्रमण का डर खत्म, श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर किया दान पुण्यआपको बता दें कि माघ मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार 5 सेक्टर में बसाया गया है. आवागमन के लिए पांच पीपा पुल, 20 मुख्य मार्ग और 92 गाटा संख्या मार्ग बनाया गया है. कल्प वासियों और श्रद्धालुओं के शुद्ध पेय जल हेतु 190 किमी पाइप लाइन बिछाई गई है. स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु मेले में 50-50 बेड के दो अस्पताल बनाया गया है. इसके साथ ही 12 स्वास्थ्य शिविर और 10 प्राथमिक उपचार केंद्र स्थापित किए गए हैं. इसके साथ ही आयुर्वेद और होम्योपैथिक स्वास्थ्य केंद्र भी बनाया गया है. जन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए माघ मेले में 1390 सामुदायिक शौचालय और 3364 का नाम शौचालय बनाए गए हैं. माघ मेले में स्वच्छता के मद्दे नजर 1800 सफाई कर्मी लगाए गए हैं.
रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज